तरनदीप सिंह/मंडी। पहला वार्षिक राज्य कार्डियोलॉजी सम्मेलन हिमकार्डियोकॉन मंडी में आयोजित हुआ, जिसमें हिमाचल प्रदेश और देश भर से प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट, शोधकर्ता और स्वास्थ्य पेशेवर शामिल हुए।
इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में हृदय रोग देखभाल में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की गई। यह आयोजन हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट, मंडी के तत्वावधान में होटल क्लार्क्स, पंडोह में हुआ।
इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और हृदय रोग देखभाल में अत्याधुनिक तकनीक और सहयोग के माध्यम से मरीजों के उपचार में सुधार करना था।
डॉ कुनाल महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि सम्मेलन की शुरुआत डॉ. राजीव भारद्वाज द्वारा हिमाचल प्रदेश में कार्डियोलॉजी के विकास को याद करते हुए हुई। इसके बाद देशभर के छात्र कार्डियोलॉजिस्ट, जिनमें आईजीएमसी शिमला और आरपीजीएमसी टांडा के छात्र शामिल थे, ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
डॉ. रमन पुरी, जो भारत के लिपिड एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, ने लिपिड प्रबंधन में हो रहे अग्रणी शोध पर प्रकाश डाला। इसके बाद डॉ. पीसी नेगी ने पहले हिमकार्डियोकॉन वाचन में रूमेटिक हृदय रोग और दिल के दौरे के वर्तमान परिदृश्य और भविष्य के शोध की संभावनाओं पर चर्चा की।
उन्होंने मरीजों की जान बचाने के लिए प्रारंभिक और त्वरित उपचार के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. एचके बाली ने हृदय रोगों के शुरुआती आक्रामक उपचार और जटिलताओं के प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देते हुए हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट, मंडी को क्षेत्र में हृदय सेवाओं को उन्नत करने के लिए बधाई दी।