धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र तपोवन धर्मशाला में शुरू हो गया है। सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा। हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिया और भ्रष्टाचार पर चर्चा मांगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चर्चा स्वीकार करने की बात कही, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति दी। सरकार के दो साल के कार्यकाल पर विपक्ष ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो साल का कार्यकाल सरकार का भ्रष्टाचार वाला रहा है।
विपक्ष सदन के अंदर और बाहर सरकार से इसको लेकर जवाब मांग रहा है, लेकिन सरकार जवाब देने की स्थिति में लग नहीं रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है और सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में जांच नहीं कर रही है, जिसको लेकर विपक्ष सदन में सरकार से जवाब मांगेंगे।
बता दें कि शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय को कुल 316 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें विधानसभा सदस्यों द्वारा 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्न सदन में उठाए जाएंगे। तारांकित 248 प्रश्नों में 128 ऑनलाइन जबकि 120 ऑफलाइन हैं। इसी तरह अतारांकित प्रश्नों में 32 ऑनलाइन और 36 ऑफलाइन पूछे गए हैं।
नियम 62 के तहत 5, नियम 63 के तहत एक, नियम 101 के तहत 5 और नियम 130 के तहत तीन विषयों पर सदस्यों द्वारा सदन में चर्चा की जाएगी।इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा सदन में 15 बिल प्रस्तुत किए जाएंगे, जिन पर चर्चा होने के बाद उन्हें पारित किया जाएगा।
इस बार सत्र में हिमाचल विधानसभा के इतिहास में पहली बार जीरो आवर की शुरुआत हुई है। रोजाना सत्र के दौरान 12 से साढ़े 12 बजे तक कोई भी सदस्य प्रदेश हित से जुड़े मुद्दे सदन में उठा सकते हैं।
इसके लिए सत्र से डेढ़ घंटा पूर्व सदस्य को विधानसभा सचिव को इसकी सूचना देनी होगी। एक सदस्य अधिकतम दो विषय जीरो आवर के दौरान उठा सकता है। हालांकि इन पर चर्चा नहीं होगी, लेकिन अगर कोई विभागीय मंत्री इस पर जवाब देना चाहता है तो वह दे सकते हैं। वहीं, 20 दिसम्बर शुक्रवार को सत्र का तीसरा दिन प्राइवेट मेंबर डे के रूप में आयोजित होगा।