शिमला। आउटसोर्स, कॉन्ट्रैक्ट,कैजुअल, फिक्स टर्म, मल्टी टास्क वर्कर्स की मांगों को लेकर सोमवार को सीटू के बैनर तले देश भर में प्रदर्शन किए गए।
शिमला में भी डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया और केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि ये कर्मचारी 12 घंटे तक काम करते हैं। मोदी सरकार के सत्ता के आने के बाद इन कर्मचारियों की दशा खराब हुई है। हिमाचल में भी 30 हजार के करीब आउटसोर्स कर्मी हैं। इन कर्मचारियों का भारी शोषण हो रहा है।
इन्हें स्थाई कर्मचारियों के मुकाबले काफी कम वेतन दिया जा रहा है। कर्मचारियों से 8 के बजाए 12 घंटे कार्य लिया जाता है। इनके लिए इपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन, बोनस, छुट्टियों आदि की सुविधा नहीं दी जाती है।
उन्होंने मांग की है कि ठेका, आउटसोर्स, कैजुअल, मल्टी टास्क, मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों के लिए श्रेणी अनुसार न्यूनतम वेतन लागू किया जाए। प्रदेश में इन मजदूरों को नियमित करने के लिए तुरन्त ठोस नीति बनाई जाए।