शिमला। ठियोग विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने पानी की सप्लाई के नाम पर बड़े घोटाले के आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र सौंप एसडीएम (SDM) को तलब कर जांच की मांग की है।
जांच न होने पर ठियोग से शिमला सचिवालय तक मार्च की भी चेतावनी दी है। मामले को लेकर पूर्व विधायक राकेश सिंघा और ठियोग के स्थानीय निवासी व पूर्व प्रधान संदीप ने संयुक्त प्रेसवार्ता की। शिमला जिला के ठियोग उप मंडल में पीने की पानी की सप्लाई ठेकेदार द्वारा बाइक और छोटे वाहनों में किए जाने के आरोप हैं।
कहा कि कुछ वाहन नंबर तो ऐसे हैं, जिनका कहीं रिकॉर्ड ही नहीं है। उन्हें भी लाखों रुपए की पेमेंट की गई है, जबकि टैंकर से पानी की सप्लाई होनी थी।
हर साल ठियोग उप मंडल में पानी की किल्लत के समय पीने के पानी के लिए 10 से 12 लाख रुपए खर्च होते हैं, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा एक करोड़ 13 लाख पहुंच गया।
स्थानीय निवासी सुरेश द्वारा ली गई आरटीआई में मौजूद आंकड़ों को हवाला देकर घोटाले का आरोप लगाया गया है।
स्थानीय निवासी व पूर्व प्रधान संदीप का कहना है कि चार ठेकेदार को पानी के वितरण का कार्य दिया गया था, लेकिन पानी ग्रामीणों को मिला ही नहीं, जो बिल बनाए गए हैं, उसमें बाइक, ऑल्टो कार सहित अन्य छोटे वाहनों में पानी की ढुलाई दिखाई गई है, जो कि संभव नहीं है और न ही कानूनी रूप से सही है।
उन्होंने बताया कि आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार पानी की सप्लाई के लिए 8-9 टैंकर लगाए गए थे। इसमें एक टैंकर एक दिन में 387 किलोमीटर चला। इस टैंकर ने पानी भरा भी और लोगों को सप्लाई भी किया।
एक चक्कर में 80 किलोमीटर तक चला। अन्य कुछ टैंकर 369, 257, 254 किलोमीटर एक दिन में चले। साथ ही एक पिकअप से पानी की सप्लाई करना दर्शाया गया है। पिकअप एक दिन में 819 किलोमीटर चली। अगले दिन इसी पिकअप ने 614 किलोमीटर का सफर तय किया।
कुछ क्षेत्र ऐसे है जहां सड़क ही नहीं हैं, वहां भी वाहन से पानी की सप्लाई दिखाई गई है।
ऐसे ने एसडीएम ठियोग ने बिल को बिना वेरीफाई किए ही ठेकेदार को बिल का भुगतान कर दिया, जबकि एडीएम शिमला ने पेमेंट करने से पहले बिल को वेरीफाई करने की हिदायत दी थी, जिसे दरकिनार कर एसडीएम (SDM) ने पेमेंट जारी कर दी।