शिमला। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी घंडल शिमला से नौकरी से निकाले गए 43 कर्मचारियों ने मंगलवार को सीटू के बैनर तले डीसी ऑफिस शिमला के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
इनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने बिना किसी नोटिस के कानून के विरुद्ध पक्षपातपूर्ण तरीके से नौकरी से निकाला है।
सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि दैनिक भोगी को जहां पक्का करना चाहिए था, उन्हें नौकरी से निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश का कानून हैं कि यदि किसी को निकालना भी है तो उसे नोटिस देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नौकरी से निकाले गए गरीब लोग हैं, जो सफाई, सुरक्षा के साथ टेक्निकल कार्य करते हैं, इन्हीं लोगों ने लॉ यूनिवर्सिटी के लिए अपनी जमीनें भी दी हैं, लेकिन आज इन्हें नौकरी से निकाला गया है।
उन्होंने मांग की है कि प्रदेश और केंद्रीय श्रम विभाग सहित प्रदेश सरकार को मामले में हस्तक्षेप कर न्याय करना चाहिए।