हमीरपुर। जायका कृषि परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने परियोजना के संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा घोषित 2025-26 के बजट आश्वासनों को क्रियान्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. चौहान कृषि विज्ञान केंद्र, बड़ा (नादौन) में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। इस कार्यक्रम में परियोजना के जिला एवं ब्लॉक प्रबंधकों तथा उनके तकनीकी स्टाफ के लिए सहभागी सिंचाई प्रबंधन (पीआईएम), सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन (पीआरए) एवं फसल विविधीकरण योजना (सीडीपी) पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अपने उद्घाटन भाषण में परियोजना निदेशक ने हिमाचल प्रदेश बजट 2025 -26 में दिए गए आश्वासनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। बजट आश्वासन में परियोजना क्षेत्रों में 154 करोड़ रुपये खर्च करने, 100 सिंचाई उप परियोजनाएं किसान संघों को सौंपना, मशीनीकरण के लिए परियोजना क्षेत्रों में 10 करोड़ रुपये खर्च करना शामिल हैं।
इनके अतिरिक्त कृषक सहायता घटक के तहत 1500 प्रशिक्षण कार्यक्रम, मुख्य रूप से सब्जी की खेती के लिए 4000 प्रदर्शन प्लाट तथा मोटे आनाज और अन्य खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए 2400 प्रदर्शन प्लाट लाभान्वित किसानों के खेतों में लगवाए जाएंगे। बजट 2025 -26 के आश्वासन के अनुसार राज्य में हल्दी की व्यावसायिक खेती और प्रसंस्करण भी शामिल है।
डॉ. सुनील चौहान ने सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए सभी कार्यक्रमों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से क्रियान्वित करने का आह्वान किया। उन्होंने सभी कार्यक्रमों के लिए प्रत्येक उप-परियोजना क्षेत्र में निगरानी प्रणाली विकसित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कृषक परिवारों की समृद्धि बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक अन्वेषण हेतु प्रमुख फसलों की पहचान करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्य अतिथि डॉ. सुनील चौहान ने किचन गार्डनिंग मैनुअल के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ठ सलाहकार बीएस संधू, वित्त अधिकारी प्रदीप शर्मा तथा केवीके के प्रतिनिधि डॉ. नवनीत जरयाल विषय वाद विशेषज्ञ, उप परियोजना निदेशक डॉ. राजेश कुमार, डॉ. करतार सिंह तथा पीएमसी के कृषि विशेषज्ञ डॉ. आरके शर्मा, डॉ. पीएन शर्मा तथा डॉ. आरएस ठाकुर उपस्थित थे। डॉ. डीडी शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन किया।