धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (संशोधन) विधेयक पारित हो गया है। विधेयक जिला परिषद वार्ड के पुनर्गठन से संबंधित है। इससे पहले जिला परिषद वार्ड गठन के लिए 25 हजार से अधिक की आबादी का प्रावधान था।
अब बिल पास होने के बाद 25 हजार से कम आबादी का प्रावधान किया है। यानी अगर जरूरत हुई तो 25 हजार से कम आबादी में भी जिला परिषद वार्ड गठित हो सकेगा।
विपक्ष ने विधेयक को लेकर सवाल उठाए। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि 25 हजार से कम कितनी टर्म है। फिर पांच और दस हजार पर भी वार्ड बन सकता है। इसमें मिनिमम जनसंख्या कितनी होगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि अभी जो एक्ट में प्रावधान है, वह 25 हजार की जनसंख्या से ऊपर का है। ऐसा देखा गया है कि जनजातीय क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार उसमें जनसंख्या कम है, लेकिन भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार एक-एक पंचायत का आपको पता है। वहां पर पैदल दो-दो घंटे लगते हैं।
जिला परिषद का वार्ड होता है, उसमें तकरीबन 14-17 पंचायतें होती हैं। कई क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थिति बहुत अलग रहती है। इस कारण संशोधन किया जा रहा है। ऐसा भी नहीं कि 5-5 हजार जनसंख्या में इसे बनाया जा रहा है। पर कुछेक क्षेत्र ऐसे हैं कि वहां पर यह जरूरी है। क्योंकि वे क्षेत्र बिल्कुल अलग-थलग पड़ते हैं।
उसी मंशा से इसे 25 हजार से नीचे ला रहे हैं। इसको हम कंसंट्रेन नहीं कर सकते की आप 25 हजार से नीचे 5 हजार लिखें या 10 हजार लिखें। भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए हम इस एक्ट में एन्हांसमेंट कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि डोडरा क्वार गया तो डोडरा क्वार का जिला परिषद वार्ड में जनसंख्या बहुत कम है, लेकिन वह वार्ड 100 किलोमीटर का है और आने-जाने में लगभग 6-7 घंटे लग जाते हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र हैं, इसलिए यहां ऐसी परिस्थिति है, क्योंकि यहां पर कहीं बिग हिमालय हैं, कहीं मीड हिमालय हैं और कहीं शिवालिक हिल्स हैं, तो हमें भौगौलिक दृष्टि को देखते हुए भी कार्य करने पड़ते हैं।