पांवटा साहिब। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में भाजपा जिला सिरमौर द्वारा जन आक्रोश सभा का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के नाते नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाग लिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ल 97% हिंदुत्व को हराने की उस मानसिकता से बाहर ही नहीं निकल पाए हैं। हिंदूवादी समाज से जुड़े लोगों को फसाने और उन्हें जेल भेजने की साजिश रच रहे हैं।
हिंदुत्व की भावना को कुचलने और उन्हें अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं। एक बेटी जो घर से गायब हो गई और परिजन उस बेटी को खोज कर लाने की गुहार लगा रहे हैं और पुलिस कुछ नहीं कर रही है। पुलिस-प्रशासन यह जान ले कि सरकारें आती-जाती रहती हैं। एक मंत्री घटिया बयान दे रहा है, जिसका हम जिक्र भी यहां नहीं कर सकते हैं।
जिले से जुड़े मंत्री को तो पुलिस–प्रशासन को साफ-साफ यह कहना चाहिए था कि पहले बिटिया को खोज कर लाओ बाकी बातें बाद में होगी। लेकिन यहां तो संरक्षण दिया जा रहा है। जब भावनाएं आहत होंगी तो एक बाप क्या करेगा? पुलिस को पता था कि लड़की कहां है इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद ऐसे हालत बने।
भाजपा के अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल और विधायक सुखराम चौधरी ने लोगों को शांत करवाने का काम कर रहे थे उन पर ही हत्या करने की कोशिश का मुकदमा लिख दिया। जो पुलिस बिटिया को खोजकर लाने के नाम पर सोई पड़ी थी अब सरकार के कहने पर दिन–रात बिटिया के समाज से जुड़े लोगों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां कर रही है। दूसरी तरफ से जिन लोगों ने छतों से पत्थर चलाए उनमें से कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई? कितने लोगों को जेल भेजा गया है। सरकार और प्रशासन सत्ता का अहंकार त्यागे और पीड़ित पर ज्यादती बंद करे, नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जो भी हुआ है उसके लिए एकमात्र दोषी सरकार और प्रशासन है। पुलिस को मालूम था कि बेटी कहां है? ऐसे में यह सवाल उठता है कि परिजन को बेटी क्यों नहीं सौंपी गई। इस सवाल का जवाब कौन देगा। जहां भी हिंदू समाज के मान–सम्मान और स्वाभिमान की बात आती है तो प्रशासन साजिशें रचने लगता है।
हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करता है। संजौली में भी जब प्रशाशन द्वारा अवैध घोषित की गई मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन हुआ तो ढाई किलो का पत्थर जो न चला और न किसी को लगा उसको भी पुलिस के 'शूरमा‘ डॉक्टर के पास ले जाकर लिखवाया कि इससे लगने पर जान जा सकती है। इसी तरह से जब शिमला में विधान सभा के पास मंदिर पर कब्जा करने का प्रयास कुछ अराजक तत्वों ने सरकार और प्रशासन के संरक्षण में किया तो मंदिर बचाने वाले लोगों के खिलाफ भी इसी तरह की साजिश रची गई। अब पोंटा साहिब में भी पीड़ित परिवार को ही फंसाने के लिए इसी तरह की साजिश की जा रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा है कि अब तक जिन लोगों की गिरफ्तारी पुलिस ने की है उन्हें तत्काल रिहा किया जाए और गिरफ्तारी का यह सिलसिला बंद किया जाए। हिंदू समुदाय पर किया गया मुकदमा वापस लिया जाए। सत्ता के संरक्षण में पुलिस–प्रशासन काम करना बंद करे।
कानून–कायदा भूल चुके अधिकारी यह जान लें कि सरकारें आती हैं, जाती हैं। सत्ता का इतना मद ठीक नहीं। अब इस सरकार की अपनी कोई गारंटी नहीं है। आगे सरकार के पास अपने बचाव का रास्ता कोई नहीं बचेगा तो वह और लोगों को क्या बचाएगी? इसलिए प्रशासन सत्ता के संरक्षण में किसी की भावनाओं को कुचलने का प्रयास न करें, क्योंकि भावनाओं को कुचलने का परिणाम बहुत बुरा होता है।
यह सिर्फ पांवटा साहिब या नाहन का मामला नहीं है। यह पूरे हिमाचल का मामला है और भारतीय जनता पार्टी परिवार के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। प्रशासन यह जान ले कि जेल भेजने की गीदड़ भभकी से हमें नहीं डरा सकते। आप गिरफ्तारियां करेंगे तो भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक और नेता जेल जाने से डरने वाले नहीं है। सरकार हमारे सब्र का इम्तेहान न ले।