समाज को दृष्टिकोण में परिवर्तन करने आवश्यकता
देहरा। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) की स्पर्श (SPARSH) और यूजीसी (UCC) समिति की ओर से सप्त- सिन्धु परिसर
देहरा में 'महिलाओं के साथ भेदभाव' (‘Discrimination Against Women) पखवाड़े के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में सह-आचार्य डॉ. शाशि पूनम, सहायक आचार्य डॉ. श्रेया बक्शी और सहायक आचार्य मनीष कुमार ने निर्णायक मंडल के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (CU) के में कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. शशि पूनम ने विद्याथियों का मार्गदर्शन करते हुए समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया कि
महिलाओं को परिवारिक वातावरण से ही सशक्त होने की आवश्यकता है। तदोपरांत विद्याथियों द्वारा महिलाओं की प्राचीन समय से वर्तमान समय तक की समाजिक स्थिति से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (CU) के देहरा परिसर में कार्यक्रम के समापन में डॉ. श्रेया बक्शी ने कहा कि भारत में वैदिक समय में महिलाओं की स्थिति सम्मानजनक तथा सुदृढ़ थी लेकिन बाद के कालखंडों में महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया। वर्तमान में
कानून सुधार के बाद भी महिलाओं के साथ अपराधिक मामलों में कमी नहीं हो रही है।
महिला समाज की ध्वजवाहक हैं, समाज को महिलों के प्रति दृष्टिकोण में परिवर्तन करने आवश्यकता है। कार्यक्रम में यूजीसी की सदस्य सहायक आचार्य राम्य ऐरी, सहायक आचार्य विश्वमोहन शर्मा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. ज्योति रहीं।
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