रेखा चंदेल/झंडूता। हिमाचल प्रदेश में नई क्लस्टर प्रणाली के खिलाफ शिक्षक लामबंद हो गए हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षा खंड जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश की खंड कार्यकारिणी और शिक्षा खंड के प्राथमिक शिक्षकों ने अध्यक्ष होशियार सिंह ठाकुर और नरेश राणा की अध्यक्षता में दकड़ी चौक से उपमंडल कार्यालय घुमारवीं तक रोष रैली निकाली।
इसके बाद उपमंडल कार्यालय के सामने 2 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। एसडीएम घुमारवीं के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजा। मांग की है कि शिक्षा विभाग द्वारा 23 सितंबर, 2025 को नई क्लस्टर प्रणाली पर जारी अधिसूचना को वापस लिया जाए। यदि इस अधिसूचना को जल्द वापस नहीं लिया गया तो प्राथमिक शिक्षक संघ प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 23 सितंबर, 2025 को नई क्लस्टर प्रणाली पर एक अधिसूचना जारी की गई है। इस अधिसूचना से पूर्व भी शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा 29 नवंबर 2023 को नए क्लस्टर निर्माण पर एक अधिसूचना जारी की गई थी।
इस अधिसूचना का प्राथमिक शिक्षक संघ ने उस समय विरोध किया था और वार्ता उपरांत प्राथमिक शिक्षा व प्राथमिक शिक्षकों के हितों को सुरक्षित रखते हुए 13 फरवरी, 2024 को संशोधित अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में बनाए गए क्लस्टर सिस्टम को रिसोर्स शेयरिंग तक सीमित रखने पर सहमति बनी थी।
यह भी निर्णय हुआ था कि नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक प्राथमिक शिक्षा का प्रशासनिक नियंत्रण व संचालन पूर्व की तरह मुख्य शिक्षकों, केंद्रीय मुख्य शिक्षकों व खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के पास ही रहेगा। जबकि छठी से 12वीं कक्षा तक स्कूलों का प्रशासनिक नियंत्रण व संचालन पूर्व की तरह प्रिंसिपल के अधीन चलता रहेगा।
23 सितंबर, 2025 को जारी अधिसूचना के दिशा निर्देशों में प्राथमिक शिक्षा का पूर्ण नियंत्रण व संचालन प्रिंसिपल को दे दिया गया है, जोकि प्राथमिक शिक्षकों के हितों के साथ कुठाराघात है। वर्ष 1984 से प्राथमिक शिक्षा का अलग ढांचा कार्य कर रहा है और प्राथमिक शिक्षा के प्रशासनिक नियंत्रण व संचालन के लिए अलग क्लस्टर कार्य कर रहे हैं।
पिछले वर्ष असर की रिपोर्ट में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और इसी वर्ष राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS)में भी हिमाचल प्रदेश ने तीसरी कक्षा के सर्वेक्षण में राष्ट्र स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यह सब प्राथमिक शिक्षा के अलग ढांचे तथा प्राथमिक शिक्षकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।
इसमें प्रिंसिपल का कोई योगदान नहीं है। पूरी प्रणाली को प्रिंसिपल के अधीन करने से समस्त कार्य केंद्रीयकृत हो जाएंगे और एक ही स्थान पर सारा बोझ पड़ जाएगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आएगी। इस अधिसूचना के उपरांत प्राथमिक शिक्षकों से पदोन्नत होने वाले मुख्य शिक्षकों, केंद्रीय मुख्य शिक्षकों और खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के प्रशासनिक शक्तियां व कार्य क्षेत्र सीमित रह जाएगा और भविष्य में यह पद निरर्थक हो जाएंगे।
उपरोक्त अधिसूचना के जारी दिशा निर्देशों में विरोधाभास की स्थिति है और प्राथमिक शिक्षकों को दो-दो प्रशासनिक इकाइयों के अधीन किया जा रहा है। इससे प्राथमिक शिक्षा को भविष्य में बहुत नुकसान होने वाला है। यह प्राथमिक शिक्षक संघ के 43 दिनों तक चले संघर्ष के उपरांत शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर द्वारा किए गए वादों के भी विपरीत है। यह प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ वादाखिलाफी है।
आंदोलन में मुख्य रूप से जिलाअध्यक्ष रमेश शर्मा, राज्य सचिव राकेश पटियाल, रफी मोहम्मद, खूब सिंह ठाकुर, राजीव शांडिल, नरेंद्र कुमार, बाबूलाल ,जावेद इकबाल, जसवंत धीमान, प्रवीण कुमार, बीना देवी, सीमा देवी, मीनाक्षी, नीलम, निशा ,अंजलि, मीनाक्षी शर्मा अनिता कुमारी संजीव कुमार संदीप कुमार राजेश कुमार केशव नंदलाल और शिक्षा खंड कुमारी प्रथम एवं द्वितीय के सभी अध्यापक उपस्थित रहे।
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