धर्मशाला। कांगड़ा जिला की पलेरा पंचायत के वार्ड पांच जटेहड़ के के लोगों को पंचायत और पटवारी से संबंधित कार्यों के लिए करीब साढ़े आठ किलोमीटर का सफर तय कर पलेरा जाना पड़ता है।
ऐसे में आने और जाने में लोगों को करीब 17 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। छात्रों और अन्य लोगों को पंचायत व पटवारखाने से संबंधित कार्य के लिए जंगल के रास्ते या पैसे खर्च कर गाड़ी करके आना-जाना पड़ता है।
लोगों की मांग है कि जटेहड़ वार्ड को गाहलियां या ठाकरद्वारा पंचायत के साथ मिलाया जाए या अलग पंचायत बनाई जाए। मांग को लेकर पलेरा पंचायत प्रधान सतपाल की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल शीतकालीन सत्र के दौरान धर्मशाला के तपोवन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने पहुंचा। हालांकि, समय के अभाव के चलते उनकी मुलाकात सीएम से नहीं हो पाई।
पलेरा पंचायत के प्रधान सतपाल ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत के अधीन वार्ड नंबर पांच जटेहड़ है। पंचायत मुख्यालय और पटवारखाने से उसकी दूरी करीब साढ़े आठ किलोमीटर है।
छात्रों को भर्ती, नौकरी या शिक्षा से संबंधित सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन आदि और अन्य लोगों पंचायत व पटवारखाने से संबंधित कार्य के लिए साढ़े किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। लोगों को जंगल के रास्ते आना-जाना पड़ता है या गाड़ी करके आते जाते हैं।
उन्होंने कहा कि जटेहड़ वार्ड को गालियां या ठाकरद्वारा पंचायत से मिला दें या नई पंचायत का गठन किया जाए, ताकि लोगों को सुविधा हो सके।
पंचायत प्रधान ने कहा कि इसी मांग को लेकर वह अन्य लोगों के साथ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने तपोवन पहुंचे थे, लेकिन समय के अभाव के चलते मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाए।