मंडी। मंडी के महाजन बाजार में सतदेव बाला कामेश्वर के मंदिर में हाल ही में देवता के रथ का निर्माण किया गया है। इसकी प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण होने के बाद रविवार को पहली बार देवता अपने देवलुओं के संग मंडी शहर के भ्रमण पर निकले। इस दौरान देवता ने राज माधव मंदिर और भूतनाथ मंदिर में हाजरी भरी।
देवता के पुजारी गोपाल शर्मा ने बताया कि देवता चार हजार साल बाद रथ पर विराजमान हुए हैं। देवता की इच्छा अनुसार ही पहली बार रथ को बाहर लाया गया है।
उन्होंने कहा कि देवलुओं और मंदिर कमेटी के सहयोग से इस रथ का निर्माण किया गया है। रथ बनने के बाद देवलुओं में भारी उत्साह है। देवता इस बार शिवरात्रि महोत्सव में भी शिरकत करेंगे।
उन्होंने बताया कि देवता के पास विश्व की सारी भयानक व्याधियों का इलाज है। देवता धन-धान्य और बारिश के साथ ही संतान देने का वरदान देते हैं। मंडी जनपद में देवता का महत्वपूर्ण स्थान है। उनकी मर्जी के बिना यहां बारिश तक नहीं हो सकती है। उन्होंने बताया कि देवता शिवरात्रि महोत्सव के सात दिन पड्ड्ल मैदान में अपने भक्तों को दर्शन देंगे और उनके दुख दूर करेंगे।
रियासत काल में देवता का राजमहल में महत्वपूर्ण स्थान था लेकिन किसी कारण देवता ने अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में आना बंद कर दिया था। देवता के नाम से सदर क्षेत्र में कई मंदिर स्थापित हैं। जहां हजारों भक्त देवता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
उन्हीं में से महाजन बाजार स्थित देवता का मंदिर प्राचीन व विशेष स्थान रखता है। इसी मंदिर में अब देवता की इच्छा अनुसार देवरथ का निर्माण किया गया है। देवता ने गुरु के माध्यम से स्वयं भविष्यवाणी की है कि 4000 साल वर्ष बाद उनका यह रथ बना है। जिसके माध्यम से अब देवता भक्तों के कष्ट दूर करेंगे।