धर्मशाला उपचुनाव : बगावत किसका बिगाड़ेगी खेल, किसे होगा फायदा - रोचक है सवाल
ewn24news choice of himachal 11 May,2024 2:19 pm
राकेश चौधरी के चुनावी मैदान में उतरने से बदले समीकरण
धर्मशाला। कांगड़ा जिला के धर्मशाला में विधानसभा चुनाव के डेढ़ साल के अंदर ही उपचुनाव होने जा रहे हैं। वर्ष 2022 में धर्मशाला से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज करने वाले सुधीर शर्मा की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के चलते उपचुनाव हो रहे हैं।
सुधीर शर्मा कांग्रेस से बगावत कर उपचुनाव में भाजपा टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने धर्मशाला नगर निगम के पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी को चुनावी मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ 2022 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े राकेश चौधरी ने भाजपा से बगावत कर आजाद हुंकार भर दी है।
ऐसे में धर्मशाला उपचुनाव रोचक बन गया है। अगर वर्ष 2022 के उपचुनाव की बात करें तो कहीं न कहीं उस वक्त भी भाजपा को बगावत का नुकसान उठाना पड़ा था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुधीर शर्मा को टिकट दिया था। भाजपा ने ओबीसी चेहरे पर दाव खेलते हुए राकेश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा था।
राकेश चौधरी को टिकट देने के चलते भाजपा में बगावत हो गई थी। भाजपा एसटी मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विपिन नैहरिया ने बगावत कर आजाद हुंकार भर दी थी।
कहीं न कहीं बगावत का नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा था। वर्ष 2022 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी राकेश चौधरी को 3285 मतों से मात दी थी। सुधीर शर्मा को 27323 और राकेश चौधरी को 24038 मत मिले थे। वहीं, विपिन नैहरिया ने 7416 वोट ले गए थे।
इस बार टिकट न मिलने से राकेश चौधरी बगावत कर गए हैं। उन्होंने आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। अगर राकेश चौधरी चुनावी मैदान में डटे रहते हैं तो इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ता और कांग्रेस फिर फायदे में रहेगी या इससे उलट होगा, इस बात का पता 4 जून को चल पाएगा।
पर इतना जरूर कहा जा सकता है कि राकेश चौधरी के आजाद हुंकार भरने से भाजपा की राहें कुछ मुश्किल जरूर हो गई हैं।
क्योंकि कांग्रेस में अभी तक बगावत जैसी बात सामने नहीं आई है। मौजूदा स्थितियों को देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ने के मूड़ में है। भाजपा में बगावत और कांग्रेस में एकजुटता का फायदा उपचुनाव में कांग्रेस को मिल सकता है।