कांगड़ा। हिमाचल में सरकारी स्कूलों में छात्रों की कम होती संख्या चिंता का सबब बनी हुई है। छात्रों की कम संख्या वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में छात्रों की कम संख्या के कारण स्टाफ की कमी, शिक्षा की गुणवत्ता, मूलभूत सुविधाएं, अभिभावकों का निजी स्कूलों की तरफ बढ़ता रूझान आदि है। दूसरी तरफ कांगड़ा के साथ लगते राजकीय उच्च एवं प्राथमिक पाठशाला जोगीपुर में फोरलेन निर्माण के चलते खतरे के बादल मंडरा गए हैं।
कछियारी फोरलेन की तरफ से स्कूल को जाने वाला रास्ता बंद होने से कांगड़ा मंदिर रेलवे स्टेशन, बोदड़ बल्ला और टांडा की तरफ से आने वाले छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। छात्रों को अब चार किलोमीटर का चक्कर लगाकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है।
ऐसे में अभिभावक बच्चों को स्कूल से निकलवाकर किसी अन्य स्कूल में दाखिल करने की सोच रहे हैं।वहीं, जोगीपुर और ललेहड़ गांव के लोगों को श्मशान घाट जाने के लिए भी 5 से 6 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
इसी समस्या को लेकर राजकीय उच्च विद्यालय जोगीपुर एसएमसी, ग्राम पंचायत जोगीपुर और ललेहड़ के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल ललेहड़ पंचायत के उपप्रधान शशीपाल और जोगीपुर स्कूल एसएमसी के सदस्य राज कुमार ने बताया कि जोगीपुर स्कूल में करीब 200 छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। इसमें उच्च विद्यालय में 114 और प्राथमिक पाठशाला में 85 छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। छात्रों की यह संख्या कांगड़ा ब्लॉक में सबसे अधिक है।
कछियारी फोरलेन की तरफ से एक रास्ता जोगीपुर स्कूल के लिए जाता है, जोकि फोरलेन निर्माण के दौरान कटाई में आने से बंद हो गया है। पैदल चलने के लिए भी रास्ता नहीं बचा है। इस रास्ते से रेलवे स्टेशन कांगड़ा, बोदड़बल्ला और टांडा की तरफ से करीब 50 छात्र स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आते थे। रास्ता बंद होने से छात्रों को चार किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है। इससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों को किसी दूसरे स्कूल में दाखिल करने का मन बना चुके हैं।
वहीं, पंचायत जोगीपुर और साथ लगते गांव ललेहड़ के लोग श्मशान घाट के लिए भी इसी रास्ते का प्रयोग करते थे। अब रास्ता बंद होने के कारण लोगों को शव ले जाने के लिए 5 से 6 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
एसएमसी प्रधान पूजा, ललेहड़ पंचायत के उपप्रधान शशीपाल, एसएमसी के सदस्य राजकुमार ने मांग की है कि इस समस्या का हल निकाला जाए। अगर वाहन योग्य रास्ता न बन सके तो पैदल रास्ते का निर्माण करवाया जाए, ताकि स्कूली छात्रों सहित जोगीपुर और ललेहड़ पंचायत के लोगों को राहत मिल सके।
इस अवसर पर जोगीपुर उच्च पाठशाला के हेड मास्टर राजेश शुक्ला और प्राइमरी स्कूल के एचटी तारा चंद भी मौजूद थे।
उधर, एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा है। मामले को एनएचएआई के समक्ष उठाया जाएगा।