Mock Drill : पालमपुर सौरभ वन विहार में आई बाढ़, 9 पर्यटक फंसे- किए रेस्क्यू
ewn24news choice of himachal 08 Jun,2023 3:53 pm
जिला में मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया
कांगड़ा।हिमाचल के कांगड़ा जिला में बाढ़ और भूस्खलन आपदा तैयारियों की जांच के लिए मेगा मॉक ड्रिल (Mock Drill) का आयोजन किया गया। जिले में चिन्हित 7 स्थलों पर मेगा मॉक अभ्यास किया गया। पालमपुर उपमंडल के सौरभ वन विहार में मॉक ड्रिल का आयोजन किया। मेगा मॉक ड्रिल डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल की निगरानी में आयोजित हुई।
एसडीएम पालमपुर डॉ. अमित गुलेरिया की अगवाई में आयोजित मॉक ड्रिल (Mock Drill) में सभी विभागों ने भाग लिया। एसडीएम ने बताया कि मॉक ड्रिल के लिए काल्पनिक आपदा के रूप में सौरभ वन विहार में बाढ़ से जल भराव की स्थिति में 9 पर्यटकों के फंसने और घायल अवस्था में बचाव का लक्ष्य दिया गया था। उन्होंने बताया इसमें 5 पुरुष और 4 महिला का बचाव किया गया। इसमें 2 पुरुष एवं एक महिला गंभीर रूप में घायल थे।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी समन्वय और कुशल प्रबंधन से मॉक ड्रिल (Mock Drill) व्यवस्थित तरीके से संपन्न हुई। मॉक ड्रिल में पुलिस, होमगार्ड और अग्निशमन के कर्मचारियों ने सभी घायलों को सौरभ वन विहार से बाहर निकाला।
उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल (Mock Drill) के दौरान घायलों को प्राथमिक उपचार देने के लिए कंडी पुल पर बनीं वर्षाशालिका को अस्थाई उपचार केंद्र बनाया गया था। जहां चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम घायलों के उपचार में जुटी थीं। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल में सभी विभाग आपदा प्रबंधन की दृष्टि से जुड़ी मशीनरी, वाहन, एंबुलेंस जेसीबी आदि लेकर मौजूद रहे।
ये रहा मॉक ड्रिल का घटनाक्रम
मॉक ड्रिल में गुरुवार सुबह करीब 9 बजे भारतीय मौसम विभाग की ओर से कांगड़ा जिले के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और बादल फटने की आशंका को लेकर मिली चेतावनी पर कांगड़ा जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के व्हाट्सऐप ग्रुप में संदेश प्रसारित होते ही तमाम अधिकारी कर्मचारी अपने अपने दायित्व के मुताबिक कार्यों में जुट गए।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने इसे देखते हुए जन सुरक्षा के दृष्टिगत सवा 9 बजे एहतियातन एडवाइजरी जारी कर लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की। उन्होंने किसी आपदा की स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दूरभाष नंबर 01892-229050 पर साझा करने का आग्रह किया। साथ ही स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में आगामी आदेशों तक छुट्टी घोषित की गई ।
इसी बीच उपायुक्त कार्यालय में बने कमांड, प्लानिंग, लॉजिस्टिक पोस्ट समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी शाखाएं चालू हो गए। इसी दौरान कमांड पोस्ट में भारी बारिश के चलते जिले में 7 जगहों के आपदा प्रभावित होने की सूचना प्राप्त हुई। इसके साथ ही उपमंडल स्तर पर गठित त्वरित प्रतिक्रिया टीमें सक्रिय हो गईं तथा एसडीएम के नेतृत्व में राहत-बचाव ऑपरेशन शुरू हो गया। ये टीमें घटना स्थलों पर पर पहुंच कर राहत बचाव कार्यों में जुट गई हैं। इसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों का भी सहयोग लिया गया।
यह 7 जगहें आपदा प्रभावित
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिले में भारी बारिश के चलते आपदा की सूचना और प्रतीकात्मक नुकसान मानकर धर्मशाला, पालमपुर, जयसिंहपुर, फतेहपुर, शाहपुर, कांगड़ा और देहरा उपमंडल में अलग अलग जगहों पर मॉक ड्रिल की गई। इसके अलावा अन्य उपमंडलों में अपने अपने स्तर पर भी प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से मॉक ड्रिल की गई। मॉक ड्रिल के तहत पालमपुर में सौरभ वन विहार में न्यूगल खड्ड का जल स्तर बढ़ने से कुछ स्थानीय पर्यटकों के फंसे होने का समाचार मिला।
वहीं, देहरा में सिविल अस्पताल के धरातल में पानी भरने की सूचना प्राप्त हुई। शाहपुर में गज खड्ड में बाढ़ के कारण रजोल गांव के पास कुछ लोगों के फंसे होने की खबर आई, साथ ही धर्मशाला में मांझी खड्ड में बाढ़ के कारण चेतड़ू में स्लम एरिया में रह रहे लोगों के लिए खतरा पैदा होने के चलते उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने की चुनौती मिली। वहीं डीसी निवास के पास धर्मशाला-मैकलोडगंज रोड़ पर स्थित पिलर नंबर 4 के पास भूस्खलन के चलते यातायात को बायपास रोड़ की तरफ से डायवर्ट किया गया साथ ही वहां कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
कांगड़ा में बनेर खड्ड में बाढ़ के कारण अच्छर माता मंदिर में बाहरी राज्यों के कुछ श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना मिली। वहीं, जयसिंहपुर में हलेड़ खड्ड में बाढ़ के कारण हलेड़ स्कूल में पानी घुसने से कुछ बच्चों के फंसने की सूचना प्राप्त हुई। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इसके अलावा हलेड़ गांव में भी करीब 30 घरों में पानी भरने का समाचार प्राप्त होते ही सभी लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया गया।
पौंग डैम में जल स्तर बढ़ने से फतेहपुर क्षेत्र के कुछ गांवों में पानी भरने की सूचना मिली। आसपास के गांवों को खाली कराने के साथ ही बीबीएमबी अधिकारियों को डैम से पानी छोड़ने के लिए कहा गया। बहाव क्षेत्र के लोगों को सायरन और गाड़ियों से अनाउंसमेंट के जरिए सचेत किया गया।
आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर
इस पूरे घटनाक्रम में आपदा प्रबंधन योजना, रेस्क्यू ऑपरेशन, आपात संचार प्रणाली, विभागीय तालमेल, आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल, संसाधन मैपिंग, रास्ते बहाल करने को मशीनरी का प्रयोग, स्वास्थ्य व्यवस्था, घायलों को मौके पर मेडिकल सहायता देने, एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाने, प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाने, राशन एवं पेयजल वितरण व्यवस्था देखने, स्थानीय स्तर पर जन सहयोग समेत स्थिति को सामान्य बनाने से जुड़े आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर करने के साथ सभी उपायों को परखा गया।
मॉक ड्रिल के उपरांत डीब्रिफिंग
मॉक ड्रिल पूर्ण होने के उपरांत राज्य मुख्यालय शिमला से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस अभ्यास से प्राप्त सीख और अनुभव पर सभी जिलों से फीडबैक ली। इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कांगड़ा के सीईओ रोहित राठौर ने जिले में मॉक ड्रिल के सकारात्मक व विचारणीय बिंदुओं की जानकारी दी।