तरनदीप सिंह/मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की ग्राम पंचायत मैहणी के आज भी कई ऐसे गांव है जो आजादी के 77 साल बाद भी सड़क सुविधा से महरूम हैं।
गांव के लिए सड़क न होने के चलते लोगों को ब्यास के ऊपर बने संकरे रास्ते से जान जोखिम में डालकर गुजरना पड़ता है।
छोटी सी गलती लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। तंग रास्ते की समस्या को लेकर मैहणी पंचायत के लोग डीसी मंडी अपूर्ण देगवन के पास पहुंचे और उन्हें अपनी समस्या से अवगत करवाया।
भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मोहन सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत मैहणी के कई गांव सड़क सुविधा से महरूम हैं।
लोगों को 9 मील जागर से संकरे रास्ते से होकर घर जाना पड़ता है। पिछली बरसात में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह रास्ता 150 मीटर तक बह गया था।
इसके बाद गांव के लोगों ने यहां बांस की सीढ़ियों की मदद से इस रास्ते को सड़क तक पहुंचने के लायक बनाया था। क्योंकि ग्रामवासियों के आने-जाने के लिए बाढ़ के कारण कोई भी वैकल्पिक मार्ग नहीं बचा था तथा लोग इसी रास्ते से आने जाने के लिए मजबूर थे तथा बच्चों व बीमार लोगों को लाना व ले जाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था।
इस दौरान लोगों ने जिला प्रशासन के माध्यम से इस रास्ते के लिए एक लाख की स्वीकृति करवाई थी जो पैसा पंचायत के पास गया और रास्ते का निर्माण किया गया। परंतु पंचायत की ओर से रास्ते के निर्माण में महज लीपापोती की गई।
इसमें लोगों ने जो बांस की सीढ़ी बनाई थी। ग्राम पंचायत प्रधान ने उसी बांस की सीढ़ी पर ही लैंटल डलवा दिया। इसके बाद बारिश के साथ बांस की सीढ़ी सड़ना शुरू हो गई थी और लोगों की जान को खतरा बना हुआ था।
इस बरसात में अब फिर से बारिश के चलते यह रास्ता बह गया है। जिसको लेकर लोगों ने एक बार फिर से इकठ्ठा हो कर रास्ते में बांस की सीढ़ी लगा कर सड़क तक पहुंचने के लायक बनाया है।
लोगों ने उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन से आवाजाही के लिए पक्के रास्ते का निर्माण करवाने की मांग की है। डीसी मंडी अपूर्ण देवगन ने इस संदर्भ में त्वरित कार्रवाई करने का लोगों को आश्वासन दिया है।