सोलन, पालमपुर और धर्मशाला में सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम लगाना होगा जरूरी
ewn24news choice of himachal 18 Feb,2024 1:29 pm
नगर निगम क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए होगा अनिवार्य
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट विधानसभा में पेश किया है। बजट में हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ राज्य बनाने और प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणाएं की गई गई हैं।
पेखुबेला स्थित 32 मैगावॉट क्षमता वाले हिमाचल के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास 2 दिसंबर, 2023 में किया गया था। इसे मार्च 2024 तक के अंत तक Commission करने की घोषणा की है। ऊना में अघलोर स्थित 10 मैगावॉट क्षमता वाला ‘सोलर पावर प्लांट’ जून, 2024 तक बनाकर तैयार कर दिया जाएगा।
ऊना के भंजाल में 5 मैगावॉट क्षमता वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट का सितंबर, 2024 तक लोकार्पण कर दिया जाएगा। राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के अंतर्गत निजि भूमि पर 45 प्रतिशत उपदान पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने के कार्य में गति लाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में कुल 100 मैगावॉट सोलर क्षमता का दोहन सुनिश्चित किया जाएगा।
निजी भूमि पर स्थापित होने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं का पंजीकरण पूरे वर्ष के लिए खुला रखा जाएगा, जिससे 100 मेगावॉट सौर क्षमता का दोहन शीघ्र संपन्न हो पाएगा।
प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों, वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलो (Rajiv Gandhi Model Day Boarding Schools) में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट (Roof Top Solar Plant) और वाटर हीटिंग सिस्टम (Water Heating System) स्थापित किए जाएंगे।
बजट घोषणा के अनुसार सभी सरकारी भवनों के connected load के कम से कम 20 प्रतिशत की आपूर्ति ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से करना अनिवार्य किया जाएगा।
सोलन, पालमपुर और धर्मशाला नगर निगमों (MC) में सभी बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को एनओसी (NOC) प्राप्त करने के लिए नए भवनों में सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम (Solar Water Heating System) लगाना अनिवार्य किया जाएगा। इन निगमों में स्थित सरकारी भवनों की छत पर चरणबद्ध तरीके से सोलर प्लांट (Solar Plant) लगाने होंगे।
ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में 501 मेगावॉट की क्षमता वाले 5 सौर पार्क और 212 मेगावॉट की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का कार्य शुरू किया जाएगा।