शिमला। हिमाचल में कर्मचारी गुटों में बंटे हैं। ऐसे में वे अपनी मांगें सरकार से कैसे मनवा पाएंगे। बीते बुधवार को शिमला बचत भवन में हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (प्रदीप गुट) की बैठक का आयोजन किया गया।
आज शिमला में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (त्रिलोक गुट) की एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में महासंघ के राज्य पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष व कार्यकारिणी और विभिन्न विभागों के अध्यक्षों, सचिवों एवं अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। गुटों में बंटे महासंघ के चलते कर्मचारी अपनी मांगों को मनवाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
इसका फायदा सरकार और अफसरशाही उठा रही है। नतीजा कर्मचारियों की मांगें हाशिए पर हैं। इसलिए सभी कर्मचारियों को एक मंच पर आना जरूरी है।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (त्रिलोक गुट) की एक बैठक में कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर सरकार से शीघ्र संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक बुलाए जाने की जोरदार मांग उठाई गई। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने बताया कि विभागों में कर्मचारियों के काफी रिक्त पद चल रहे हैं।
कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभ नहीं मिल रहे हैं। जेसीसी की बैठक सरकार बुला नहीं रही है। उनकी मांग हैं कि सरकार जल्द जेसीसी की बैठक आयोजित कर कर्मचारियों की मांगों को पूरा करे, अन्यथा कर्मचारियों को मजबूरन आंदोलन अपनाना पड़ेगा। दूसरे गुट के सवाल पर त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि प्रदीप गुट तो एनपीएस वाला संगठन था, आज भी वह एनपीएस का संगठन है।
इस संगठन का कर्मचारियों के महासंघ से कुछ लेना देना नहीं है। हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के संविधान के अनुसार किसी अन्य संगठन से जुड़े हैं कर्मचारी अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सदस्य नहीं हो सकते हैं। उन्होंने एक मंच पर आने का आह्वान किया है।