नई दिल्ली। नई दिल्ली में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में हिमाचल पवेलियन खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब होने की वजह से सर्दियों में हिमाचल जाने वाले पर्यटकों के लिए हिमाचल पवेलियन पर्यटक स्थलों की सही जानकारी का स्त्रोत उभर कर सामने आ रहा है।
दिल्ली में सर्दियों के दस्तक देने के साथ ही ऊनी कपड़ों, स्वेटरों और जुराबों की खरीददारी के लिए भी लोग हिमाचल पवेलियन की ओर रुख कर रहे हैं। सेहत के लिए संजीदा लोगों को हिमाचल पवेलियन काफी भा रही है क्योंकि हिमाचल प्रदेश के आर्गेनिक उत्पादों ने एक विशिस्ट ब्रांड के रूप में पहचान बनाई है और अपनी गुणवत्ता और स्वाद के लिए मशहूर हिमाचली उत्पाद धनाढ्य वर्ग की पहली पसंद मानी जाती है।
हिमाचल पवेलियन के निदेशक ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि इस बार 220 वर्ग मीटर में स्थापित हिमाचल पवेलियन में शिमला, कांगड़ा ,सोलन , मण्डी , कुल्लू आदि जिलों से 16 स्टाल स्थापित किए गए हैं।
सोलन जिला के परवाणू के उद्यमी हिमाचल फ्रूट्स द्वारा जूस, जैम ,चटनी और आचार महिलाओं में खासा क्रेज़ बना रहा है। कंपनी ने कीवी, अखरोट,आड़ू और प्लम के उत्पाद ट्रेड फेयर में उतारे हैं जोकि खासी लोकप्रियता बटोर रहे हैं।
मंडी की गुलाब शाल इंडस्ट्री द्वारा लेडीज और जेंट्स के लिए शाल , जैकेट, कैप प्रदर्शित किए गए हैं जोकि अपनी गुणवत्ता के लिए पहचाने जाते हैं।
मनाली के मनु वीवर्स द्वारा अंगोरा और याक के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं जो कि उच्च वर्ग के खरीददारी की जरूरतों को पूरा करते हैं और महंगा होने के बावजूद अच्छी भीड़ आकर्षित कर रही हैं ।
मनु वीवर्स के पास 500 रुपए से लेकर 15000 रुपए तक के उत्पाद उपलब्ध हैं जिससे यह ज्यादा वैरायटी प्रदर्शित कर रहे हैं। कुल्लू के कौशल्या वूलेन के पश्मीना जुराबों और पश्मीना शॉल को काफी सराहा जा रहा है। इन्होंने अंगोरा शाल और अंगोरा वूल की कैप्स भी बाजार में उतारी हैं जोकि अच्छी सराही जा रही हैं।
जय महासू देवता जुब्बल द्वारा पहाड़ी राजमाह , माश , कुल्थ , लिंगड़ीय आचार बाजार में उतारा है जोकि दिल्ली में बसे हिमाचलियों की खरीददारी की पहली पसंद माना जाता है। इनके पहाड़ी गाय के घी की खुसबू पुरे मेले में अपनी महक बिखेर रही है। महंगा होने के बावजूद गाय के घी को सेहत के लिए संजीदा ग्राहक काफी संख्या में खरीद रहे हैं क्योंकि इसे दवाई की तरह प्रयोग करते हैं।
हिमाचल पवेलियन में बिकने वाले मक्की के आटे को भी दिल्ली में बसे हिमाचल और उत्तराखण्ड के खरीददार काफी सराह रहे हैं और सर्दियों के लिए स्टॉक कर रहे हैं।
इसके अलावा हैंडलूम एवं हेंडीक्राफ्ट उत्पाद, फ्रूट उत्पाद के अलावा काँगड़ा चाय, एप्पल चिप्स, ड्राई गुच्छी, सिबक्थोर्न एवं किडनी राजमाह पर आगंतुकों का ध्यान आकर्षित हो रहा है । इन उत्पादों को लेकर मंडप में पधारने वाले लोगों में बहुत दिलचस्पी देखी जा रही है।
इसके अलावा हिम-ईरा स्वयं सहायता समूह द्वारा हिमाचल प्रदेश की जड़ी बूटियों से तैयार साबुन, तेल, हर्बल उत्पादों व विशेषकर शुद्ध पहाड़ी घी का प्रदर्शन किया जा रहा है। इन सभी उत्पादों की बिजनेस नेटवर्किंग भी मंडप में मौजूद उद्योग विभाग के कैम्प ऑफिस की जा रही है।
हिमाचल पवेलियन के निदेशक ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि इस बार अब तक लगभग बीस हज़ार दर्शक हिमाचल पवेलियन का दौरा कर चुके हैं और अंतिम दिनों में ज्यादा दर्शकों की सम्भावना है। उनका कहना कि पवेलियन को हिमाचल प्रदेश की ब्राण्डिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक सर्दियों के सीजन में हिमाचल का भ्रमण करें और बड़े औद्योगिक घराने हिमाचल प्रदेश में निवेश करें।