गर्मी शुरू होते ही पानी को तरसने लगा शिमला, लोगों में मची हाय-तौबा
ewn24news choice of himachal 15 Mar,2023 1:48 pm
शहर में तीसरे चौथे दिन हो रही सप्लाई
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में गर्मियां शुरू होते ही पेयजल संकट गहरा गया है। शिमला के टुटू, पंथाघाटी, समरहिल, सिमिट्री वार्ड और संजौली वार्ड में मार्च महीने में ही पानी की सप्लाई की परेशानी शुरू हो गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह बारिश बर्फबारी नहीं होना है। जिन पेयजल परियोजनाओं से शहर को रोजाना पानी मिलता है, वहां से कम पानी लिफ्ट हो रहा है।
शहर को रोजाना 48 एमएलडी पानी की जरूरत है, लेकिन सप्लाई 43 एमएलडी तक हो रही है। वह भी पूरे शहर को नहीं मिलती। शहर में 35 हजार से ज्यादा उपभोक्ता हैं, जिनका गुजारा 48 एमएलडी पानी से होता है। शहर को कोटी बरांडी, चुरट और सयोग जैसे छोटे सोर्स से 8 एमएलडी पानी मिलता था, लेकिन अब इन पेयजल परियोजनाओं से सिर्फ 6 एमएलडी पानी मिल रहा है।
शिमला की 6 पेयजल परियोजनाओं से शहर के लिए 41.79 एमएलडी पानी सप्लाई हो रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा गुम्मा से 19.14 एमएलडी, गिरी से 16.02, चुरट 2.72, सयोग 0.01, कोटि ब्रांडी से 3.30 और चैड़ से 0.60 एमएलडी पानी सप्लाई हुआ। शहर में जहां पानी सप्लाई तीसरे चौथे दिन हो रही है, वहीं बड़े होटलों में पानी सप्लाई के लिए नगर निगम के वाटर टैंक जाना शुरू हो गए हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जून महीने तक जल संकट कितना गहरा जाएगा।
लोग शिकायत कर रहे हैं कि पानी सप्लाई में गड़बड़ी होनी शुरू हो गई है। कभी 4 दिन बाद पानी आता है। वह भी प्रेशर कम होने की वजह से गुजारे लायक ही मिल पा रहा है। संजौली के रहने वाले सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि पानी का प्रेशर कम होने से परेशानी हो रही है। फैमिली के साथ रहने में गुजारा करना और भी मुश्किल हो गया है।
एसजेपीएनएल कंपनी का दावा है कि शहर में तय शेड्यूल के मुताबिक पानी दिया जा रहा है। कभी कभार तकनीकी खामी की वजह से पानी सप्लाई नहीं दी जाती, लेकिन उसके अगले दिन सबसे पहले इस वार्ड में पानी सप्लाई दी जाती है। एसजेपीएनएल मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज ललित का कहना है कि हमारे पास पानी संबंधी कोई शिकायत नहीं आई है। हर जगह सही पानी सप्लाई दी जा रही है।