हिमाचल कैबिनेट : जल शक्ति विभाग में 4500 पदों पर भर्ती की मंजूरी
ewn24news choice of himachal 18 Nov,2023 4:26 pm
मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक में नौकरियों का पिटारा खुला है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में 4500 से अधिक पदों को भरने की मंजूरी की गई है।
कैबिनेट ने जल शक्ति विभाग में विभिन्न 4500 पदों को भरने की मंजूरी दी है। इसमें पैरा फिटर, पैरा पंप ऑपरेटर और मल्टी टास्क वर्कर के पद शामिल हैं। यह पद डिवीजन वाइज भरे जाएंगे।
वहीं, कैबिनेट ने एक्साइज इंस्पेक्टर के 25 पदों पर भर्ती की स्वीकृति प्रदान की है। विभाग में 75 पद खाली हैं और 50 पदों को भरने का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा था।
कैबिनेट ने 25 पद भरने की स्वीकृति दी है। साथ ही बागवानी विभाग में बागवानी विकास अधिकारी के 10 पद भरने को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा एडवोकेट जनरल ऑफिस में चतुर्थ श्रेणी के 2 पद दैनिक वेतन भोगी के आधार पर भरे जाएंगे।
बैठक में मोटर वाहन कर की एकमुश्त छूट के साथ-साथ पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) में स्क्रैप किए जाने वाले पुराने वाहनों से संबंधित ब्याज और जुर्माने की एकमुश्त छूट को भी स्वीकृति प्रदान की गई। यह छूट एक वर्ष की समयावधि के लिए लागू होगी, जो वाहन मालिकों को मौजूदा नियमों के अनुरूप अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्यावरण अनुकूल दृष्टि से जिम्मेदार विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करेगी।
इसके अतिरिक्त वैध सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत करने पर नए वाहन के पंजीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन कराधान अधिनियम-1972 की धारा 14 के तहत देय कर पर गैर परिवहन वाहनों को 15 वर्ष तक 25 प्रतिशत और परिवहन वाहनों के मामले में आठ वर्ष तक 15 प्रतिशत रियायत देने का भी निर्णय लिया गया।
कैबिनेट ने एसजेवीएनएल के पक्ष में किए गए जंगी थोपन पोवारी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (780 मेगावाट) के आवंटन को रद्द करने का निर्णय भी लिया। कंपनी द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर परियोजना के कार्यान्वयन में प्रगति में विफलता पर यह निर्णय लिया गया।
कैबिनेट ने शिमला, चौपाल तथा कुल्लू के और अधिक क्षेत्रों को योजना क्षेत्र के अंतर्गत लाने की स्वीकृति प्रदान की ताकि इन क्षेत्रों में असुरक्षित निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जा सके। प्रदेश में कार्यरत सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश सहकारी समितियां नियम, 1971 में संशोधन करने को भी मंजूरी प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त प्रदेश के मंदिरों में संग्रहित सोने, चांदी का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती नियम, 1984 के नियमों में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया।