मशहूर गजल गायक पंकज उधास नहीं रहे, संगीत जगत में शोक की लहर
ewn24news choice of himachal 26 Feb,2024 5:31 pm
मुंबई। संगीत जगत से दुखद खबर सामने आई है। मशहूर गजल गायक पंकज उधास का आज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया है। उनके निधन की सूचना उनकी बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है। उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से बीमार थे। पंकज उधास के निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है और उनके फैंस के लिए ये किसी सदमे से कम नहीं।
72 वर्षीय पंकज उधास अपनी गजलों और गीतों के जरिए हमेशा अपने प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेंगे। सोशल मीडिया पर फैंस पकंज उधास के गानों और गजलों के साथ उन्हे श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
आज जब पंकज उधास नहीं हैं, उनके गाए गीत सबके जेहन में आ रहे हैं और उनके जरिए प्रशंसक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। नाम फिल्म का गाना चिट्ठी आई है, आज भी लोगों के आंखें नम कर देता है।
'चिट्ठी आई है, आई है, चिट्ठी आई है' गाना पंकज उधास का सर्वश्रेष्ठ गाना था, जिसे लोग आज तक गुनगुनाते हैं। यह गाना उनके अल्बम 'याद' का है, जो 1993 में रिलीज हुआ था।
'ना कजरे की धार' गाना प्रेमियों के लिए मशहूर है। पंकज उधास का यह गाना फिल्म 'मोहरा' का है। फिल्म में अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी मुख्य भूमिका में थे। फिल्म 1994 में रिलीज हुई थी।
पंकज उधास द्वारा गाया हुआ गाना 'चांदी जैसा रंग है तेरा' फिल्म 'एक ही मकसद' का है। यह फिल्म 2001 में रिलीज हुई थी।
'आज फिर तुमपे' गाना पंकज उधास का गाया हुआ सदाबहार गीत था। इस गाने को उन्होंने अनुराधा पौडवाल के साथ मिलकर गाया था। यह 1988 में रिलीज हुई फिल्म 'दयावान' का गाना है।
'और भला क्या मांगू मैं रब से' गाना पंकज उधास ने दिवंगत गायिका लता मंगेशकर के साथ मिलकर गाया था।
लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए हैं। उनके पीछे परिवार में पत्नी फरीदा उधास और दो बेटियां नायाब उधास व रिवा उधास हैं।
17 मई, 1951 में एक गुजराती फैमिली में जन्मे पंकज उधास अपने पीछे भले ही करीब 25 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति छोड़ गए हों लेकिन उनकी पहली कमाई महज 51 रुपए थी।
पंकज उधास ने गाने की शुरुआत अपने भाई के साथ उस समय की थी, जबकि चीन और भारत के बीच युद्ध का माहौल था। ऐसे समय में जब देशभक्ति का रंग हर ओर छाया हुआ था पंकज उधास ने एक कार्यक्रम में 'ऐ वतन के लोगों' गाना गाकर सबको अपना फैन बना लिया। इस गाने के लिए उन्हें ईनाम के तौर पर 51 रुपये का इनाम दिया गया था और यही सिंगिंग से उनकी पहली कमाई थी।
इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और गायिकी व गजल की दुनिया में अलग मुकाम हासिल किया। संगीत की दुनिया में अपनी अलग छाप छोड़ने वाले पंकज उधास को इस सेक्टर में उनके शानदार योगदान के लिए साल 2006 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
उनकी पत्नी फरीदा एक एयरहोस्टेस थीं, लेकिन उनकी दोनों बेटियां संगीत से जुड़ी हुई हैं। एक ओर जहां नायाब उधास ने भारतीय क्लासिकल म्यूजिशियन ओजस अधिया से शादी की और खुद का एक म्यूजिक बैंड चलाती हैं, वहीं दूसरी बेटी रिवा भी म्यूजिक इंडस्ट्री से ही जुड़ी हैं।