शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला का कालीबाड़ी मंदिर मां काली को समर्पित एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर है।
यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है, बल्कि दूर-दूर से बंगाली लोग भी यहां मां काली के दर्शनों के लिए आते हैं। मंदिर की स्थापना ब्रिटिश काल में बंगाली ब्राह्मण द्वारा की गई थी। नवमी के अवसर पर सुबह से मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा।
मंदिर के संचालक नबीन कुमार बैनर्जी ने बताया कि नवरात्रि के दौरान, बंगाल से पर्यटक विशेष रूप से शिमला पहुंचते हैं और मंदिर में दुर्गा पूजा में भाग लेते हैं। कालीबाड़ी मंदिर उनकी आस्था का केंद्र है।
काली बाड़ी मंदिर का निर्माण कार्य 1845 में कुछ बंगाली लोगों द्वारा किया गया था। यही कारण है कि मंदिर में पूजा-अर्चना बंगाली ढंग से की जाती है। आज भी बंगाल से पर्यटक दर्शन करने आते हैं और उनकी सुविधा का ध्यान रखा जाता है।
इस बार भी भारी संख्या में बाहरी राज्यों से कालीबाड़ी मंदिर में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और 9 दिन तक यहां माता की मूर्ति की स्थापना कर विधिवत पूजा अर्चना की जा रही है।
उन्होंने बताया कि विजयादशमी पर दोपहर बाद मंदिर से मां की मूर्तियां विसर्जन के लिए रवाना होंगी। यह मूर्तियां बंगाली कारीगरों द्वारा हर वर्ष यहां आकर बनाई जाती हैं।