शिमला। हिमाचल में इन दिनों नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसको लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को घेरा है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे जानकारी से इंकार किया है।
शिमला में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नीति आयोग की बैठक से बहिष्कार के सवाल पर कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है और उन्होंने अपना ड्राफ्ट नोट बनाकर भेज दिया है।
बता दें कि बीते कल कांग्रेस ने घोषणा की थी कि केंद्रीय बजट के विरोध में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राजनीति से प्रेरित फैसलों से प्रदेश का नुकसान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उचित प्लेटफॉर्म पर हिमाचल का पक्ष रखकर प्रदेश के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएं। साथ ही आपदा से हुए नुकसान के पुननिर्माण को दिए गए बजट पर केंद्र सरकार का आभार भी जताएं।
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान कि वह नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे, यह हिमाचल के हितों के साथ कुठाराघात है। बिंदल ने कहा कि नीति आयोग वह संस्था है, जिसके अंदर आने वाले समय के अंतर्गत हिमाचल को मिलने वाली सहायता का निर्णय होता है।
एक दिन पहले ही संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि आपदा की दृष्टि से विशेष सहायता हिमाचल प्रदेश को दी जाएगी। जबकि पहले भी 1782 करोड़ रुपए आपदा राहत के रूप में केंद्र की मोदी सरकार ने अलग-अलग समय पर दिया है।
साथ ही 11000 मकान गरीबों के लिए और 1000 करोड़ की मनरेगा से विशेष सहायता दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार के निर्णय की निंदा करती है और सुझाव देती है कि सरकार इस प्रकार का काम ना करे।