325 वां खालसा पंथ का सिरजना दिवस के उपलक्ष्य पर सिख समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारा में जाकर माथा टेका। बैसाखी के इस शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन सत्संग और लंगर का आयोजन किया गया।
बैसाखी पर्व पर राजधानी के बस स्टेंड स्थित गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन पाठ किया गया, जिसमें बाहरी राज्यों के रागी जत्थों ने कीर्तन और अरदास की।
सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी जिसके कारण इस त्योहार की महत्ता, गरिमा और बढ़ जाती है।
गुरुद्वारा सिंह सभा शिमला के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने देशवासियों को बैसाखी की बधाई देते हुए कहा कि सुबह से सिंह सभा गुरुद्वारा साहिब शिमला में बैसाखी पर्व के अवसर पर गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया गया और पूरे दिन कीर्तन सत्संग चलता रहा।