कुठेहड़ पंचायत मामला : सच में उपप्रधान दोषी या राजनीति की चढ़ी बलि, आप करें तय
ewn24news choice of himachal 16 Jan,2024 1:21 pm
पंचायत घर और श्मशान घाट को लेकर सुर्खियों में रही थी पंचायत
नगरोटा सूरियां। हिमाचल के जवाली विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत कुठेहड़ पंचायत उपप्रधान वीना शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। पंचायत उपप्रधान वीना शर्मा को बिना अनुमति और एनओसी के वन भूमि पर श्मशान घाट निर्माण का दोषी पाते हुए निलंबित किया है। जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच ने इस बाबत आदेश जारी किए हैं।
क्यों सुर्खियों में रही थी कुठहेड़ पंचायत
बीडीओ ऑफिस नगरोटा सूरियां की कुठहेड़ पंचायत आलीशान पंचायत घर और श्मशान घाट निर्माण को लेकर सुर्खियों में आई थी। सोशल मीडिया पर भी फोटो व वीडियो खूब वायरल हुए थे। लोगों ने पंचायत प्रतिनिधियों की भी काफी प्रशंसा की थी। यहां पर करीब 66 लाख खर्च कर श्मशान घाट का निर्माण हुआ है। पंचायत में जो कार्य हुए हैं, वे दिखते भी हैं।
उपप्रधान वीना शर्मा पहले प्रधान थीं और पति सुशील कनौजिया उपप्रधान थे। अब उनके पति प्रधान हैं। जब वह प्रधान थीं तो कुठहेड़ पंचायत मनरेगा में देश भर में नंबर तीन पर भी रह चुकी है। पंचायत में विकास को देखते हुए लोग वीना शर्मा के परिवार पर ही भरोसा जताते हैं। लोग उनके परिवार को ही सत्ता सौंपते आए हैं।
एक पहलू यह भी है कि पूर्व भाजपा कार्यकाल में पंचायत बेहतरीन विकास को लेकर खासी सुर्खियों में रही थी। इससे राजनीति गलियारों में भी काफी हलचल हुई थी। हालांकि भाजपा सरकार के समय ही कुछ लोग पंचायत में विकास कार्यों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।
सत्ता बदलते ही यह कार्रवाई अमल में लाई गई है। सूत्रों की मानें तो जवाली क्षेत्र के कांग्रेस के एक बड़े नेता और उनके समर्थक पंचायत उपप्रधान से नाराज थे। नाराजगी का कारण राजनीतिक है। कांग्रेस की सरकार सत्ता में आते ही श्मशान घाट में अनियमितताओं की शिकायत पर कार्रवाई शुरू हो गई थी।
क्या है निलंबन आदेशों में
मामले को लेकर शिकायत अब्बास खान और ईश्वर सिंह ने की थी। मामले की प्रारंभिक जांच बीडीओ नगरोटा सूरियां ने की थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर विकास कार्यों के क्रियान्वयन में अनियमितताएं बरतने के लिए उपप्रधान (तत्कालीन प्रधान) वीना शर्मा को बीडीओ नगरोटा सूरियां ने 19 अगस्त 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इस जवाब 14 दिसंबर 2023 को कारण बताओ नोटिस का जवाब प्राप्त हुआ। आदेशों में लिखा गया है कि जवाब का गहनता से अध्ययन और समीक्षा करने पर उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया है। पंचायत उपप्रधान को जवाब के एक माह में ही दोषी करार दिया गया।
आरोप के अनुसार जांच रिपोर्ट में ग्राम पंचायत कुठहेड़ द्वारा श्मशान घाट घमीरतल के लिए वर्ष 2015-16 से वर्ष 2020-21 तक भिन्न-भिन्न सात मदों में कुल 66 लाख 73 हजार 746 रुपए की राशि व्यय की गई है, जबकि श्मशान घाट का निर्माण मौजा अंबल टीका ध्याला के खसरा नंबर 22,22/1 वन भूमि पर बिना विभागीय अनुमति/अनापत्ति प्रमाण के किया गया, जोकि ग्राम पंचायत द्वारा बरती गई लापरवाही का परिचायक है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत कुठहेड़ द्वारा कथित श्मशान घाट का निर्माण ग्राम पंचायत नढौली के अधिकार क्षेत्र में स्थित भूमि पर किया गया है, लेकिन इस निर्माण कार्य को न्यायोचित ठहराने के लिए ग्राम पंचायत कुठेहड़ द्वारा न तो संबंधित ग्राम सभाओं का संयुक्त प्रस्ताव पारित किया है और न ही संबंधित ग्राम पंचायतों की संयुक्त निर्माण समिति का गठन किया है, जोकि नियमानुसार अनुचित है।
साथ ही पंचायत पदाधिकारी द्वारा उक्त कारण बताओ नोटिस का उत्तर निर्धारित अवधि के भीतर प्रस्तुत नहीं किया है, जबकि कथित पंचायत पदाधिकारी को नोटिस की प्रति पंजीकृत डाक और पंचायत चौकीदार के माध्यम से तामिल के लिए भेजी गई थी। पर उक्त पदाधिकारी ने नोटिस प्राप्त नहीं किया जोकि विभागीय आदेशों की सरासर अवहेलना है।
उपरोक्त के दृष्टिगत जिला पंचायत अधिकारी कांगड़ा स्थित धर्मशाला नीलम कटोच ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145()1 (ग) पठित हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (नियम) 1997 के नियम 142(1) (क) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से उपप्रधान ग्राम पंचायत कुठहेड़ वीना शर्मा को पद से निलंबित कर दिया। साथ ही निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत कुठहेड़ की चल/अचल संपत्ति यदि कोई उनके पास हो तो, वह उसे तुरंत ग्राम पंचायत सचिव को सौंपना सुनिश्चित करें।
अगर 8 जनवरी 2024 को जारी निलंबन आदेशों की बात करें तो इसमें कार्रवाई का कारण जनहित में वन भूमि पर बिना अनुमति श्मशान घाट निर्माण और कारण बताओ नोटिस का समय पर जवाब नहीं देना है। इसके अलावा पैसे आदि किसी प्रकार की अनियमितता का जिक्र इसमें नहीं है।
जनहित में किए इस कार्य के लिए पंचायत उपप्रधान सच में दोषी हैं या नहीं हैं, नियम तोड़ने पर प्रधान बनती थी या नहीं, यह समझ पाना मुश्किल है। पर इतना जरूर है कि कहीं न कहीं इसमें राजनीति की बू भी आ रही है।
बीडीओ नगरोटा सूरियां श्याम सिंह का कहना है कि कुठहेड़ पंचायत उपप्रधान को निलंबन करने के आदेश जारी हुए हैं। निलंबन का मुख्य कारण वन भूमि पर बिना अनुमति श्मशान घाट का निर्माण ही है।