ऋषि महाजन/नूरपुर। संशोधित वेतनमान की बकाया राशि, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और एरियर का भुगतान न होने से हिमाचल बिजली बोर्ड के रिटायर कर्मचारियों में रोष है। वहीं, युक्तिकरण के नाम पर कर्मचारियों के पद खत्म करने का विरोध किया है।
हिमाचल प्रदेश विद्युत पेंशनर फोरम की नूरपुर यूनिट की बैठक विद्युत बोर्ड के विश्राम गृह में हुई। बैठक की अध्यक्षता यूनिट प्रधान मान सिंह धीमान ने की।
राज्य उपाध्यक्ष पवन मोहल ने कहा कि 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2022 तक रिटायर हुए कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान की बकाया राशि अब तक नहीं दी गई। न ही ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और एरियर का भुगतान हुआ। इससे पेंशनरों में सरकार और बोर्ड प्रबंधन के प्रति गहरा रोष है।
फोरम ने मांग की कि सरकार सभी वित्तीय लाभ तुरंत बहाल करे। पेंशनरों की कंम्यूट पेंशन में 15 साल तक की कटौती को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की तर्ज पर 10 साल 8 महीने के बाद बंद किया जाए। इससे पेंशनरों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
फोरम ने युक्तिकरण के नाम पर कर्मचारियों के पद खत्म करने का विरोध किया। बताया कि 1990 में बिजली बोर्ड में 43 हजार कर्मचारी थे और उपभोक्ता 9 लाख थे।
अब कर्मचारी घटकर 12 हजार रह गए हैं, जबकि उपभोक्ता 29 लाख हो चुके हैं। इससे कर्मचारी काम के बोझ तले दबे हैं और हादसों में जान गंवा रहे हैं।