शिमला। राजधानी शिमला के शिव बावड़ी हादसे की आज पहली बरसी है। आज से ठीक एक साल पहले शिमला के समरहिल शिव बावड़ी में प्राकृतिक आपदा के चलते 20 लोग काल का ग्रास बन गए थे।
शिव बावड़ी हादसे की पहली बरसी पर दुःखद हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को आज उसी स्थान पर उनके परिजनों के अलावा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल, स्थानीय लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि समरहिल शिव बावड़ी हादसा एक हृदय विदारक घटना थी। इसमें एक पूरा परिवार काल का ग्रास बन गया था और कुल 20 लोगों ने जान गंवाई थी।
सरकार आपदा प्रभावित्त परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और लोगों को हर संभव मदद पहुंचा रही है। इस तरह की घटना भविष्य में न हो इसके लिए सरकार ने नदी-नालों के किनारों में निर्माण कार्यों को लेकर भी कुछ मापदंड भी तय किए हैं, जिन्हें सख्ती से लागू किया जा रहा है। शिव बावड़ी के आसपास असुरक्षित जगह पर निर्माण में अगर सुधार की आवश्यकता होगी तो उसे जरूर किया जाएगा।
इस मौके पर हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन हादसे को याद कर काफी गमगीन थे। हादसे में जान गंवाने वाले युवक की मां हादसे को याद कर भावुक हो गईं।
नम आंखों से महिला ने कहा कि यह दर्दनाक हादसा था और अब उन्होंने यहां आना ही छोड़ दिया। घटना के बाद वो पहली बार यहां आई हैं। बेटे की आत्मा को शांति मिले इसके लिए उसकी याद में एक पौधा लगाया है।
समरहिल के पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 14 अगस्त 2023 का दिन समरहिल वासियों के लिए बहुत बुरा दिन था। 20 लोगों ने एक साथ जान गंवाई थी।
पहले लोग यहां से आते जाते थे लेकिन हादसे के बाद से लोगो ने रास्ता बदल दिया है और यहां आना जाना छोड़ दिया है। अभी भी मंदिर के आसपास खतरा है, क्योंकि लोगों ने नालों को ब्लाक कर दिया है ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।