Himachal Breaking : सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ काटने की दी अनुमति
ewn24news choice of himachal 19 May,2023 1:01 pm
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी जानकारी
शिमला। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में वन विभाग के 10 वन डिवीजन में सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अदालत में मामले की पैरवी की थी और उसने वन विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया है।
उन्होंने कहा कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ सहित पांच वन डिवीजन में खैर के पेड़ों की कटाई के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है और इन वन डिवीजन में प्रति वर्ष 16,500 पेड़ निर्धारित किए गए हैं और जल्द ही खैर की निकासी शुरू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष पांच वन डिवीजन नाहन, पांवटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी वनों का निरीक्षण करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे और इन पांचों वन डिवीजन के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए खैर के पेड़ों की गिनती की जाएगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि खैर के पेड़ों की सिल्वीकल्चर कटाई वन प्रबंधन एवं इनके कायाकल्प के अलावा सरकार के राजस्व सृजन में सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि खैर के वृक्षों का समय से कटान नहीं होने के कारण अधिकांश पेड़ सड़ रहे हैं और यह बेहतर वन प्रबंधन की दिशा में एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में प्रायोगिक के आधार पर खैर के पेड़ों की कटाई के परिणाम जानने के लिए इसमें पेड़ों की कटाई की अनुमति प्रदान की थी। अब शीर्ष अदालत ने वन विभाग की राय एवं केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा शीर्ष अदालत में प्रस्तुत निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति प्रदान की है।