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श्रद्धा के कत्ल का खौफनाक सच : डेटिंग ऐप पर मुलाकात, लिव-इन और फिर हुआ ये अंजाम

ewn24news choice of himachal 15 Nov,2022 6:35 pm

    नई दिल्ली। श्रद्धा विकास वॉकर हत्याकांड से इस समय पूरा देश हिल गया है। एक तरफ लव जिहाद जैसे मुद्दे पर डिबेट शुरू हो गया है तो दूसरी तरफ कुछ लोग लड़कियों को कोस रहे हैं। आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। केस में नए से नए खुलासे हो रहे हैं जो हैरान कर रहे हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर ये कहानी कहां से शुरू हुई ....


    26 साल की श्रद्धा और 28 साल के आफताब की मुलाकात साल 2019 में एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई थी। उस समय ये दोनों मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते थे। आरोप है कि डेटिंग ऐप पर दोस्ती होने के बाद आफताब ने श्रद्धा से कई बड़े-बड़े वादे किए और कहा कि अगर उसके परिवार को उन दोनों का रिश्ता मंजूर नहीं है तो वो उसके लिए अपना घर छोड़ने को भी तैयार है और दोनों मुंबई से दूर किसी दूसरे शहर में चले जाएंगे।


    इसके बाद जब इस लड़की ने अपने परिवार को आफताब के बारे में बताया तो उन्होंने इस रिश्ते का जबरदस्त विरोध किया, लेकिन श्रद्धा तब भी नहीं मानी और वो आफताब के साथ दिल्ली आ गई। ये लड़की मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करती थी, जबकि लड़का पेशे से एक शेफ था और सोशल मीडिया पर ये खुद को फूड बलॉगर बताता था। दिल्ली आने के बाद दोनों लिव-इन रिलेशन में रहने लगे।


    पहले तो सब सही चल रहा था, लेकिन बाद में श्रद्धा उस पर शादी का दबाव बनाने लगी। आफताब उसे टालता रहता, लेकिन वह जिद पर अड़ी थी। आफताब ने 18 मई, 2022 को फ्लैट के अंदर गला घोंटकर श्रद्धा को मार डाला। इसके बाद शव के 20 टुकड़े कर दिए।


    इसकी किसी को भनक न लगे, इसलिए लोकल मार्केट से 25 हजार में 260 लीटर का फ्रिज खरीदा। इसी में उसने श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स 15-16 दिन तक छिपाकर रखे। आफताब हर रोज रात 2 बजे फ्लैट से निकलता था और एक-दो अंगों को जंगल में फेंक आता था।


    करीब 16 दिन में उसने श्रद्धा की लाश के टुकड़े जंगल में अलग-अलग जगह पर फेंक दिए। आरोपी शेफ की ट्रेनिंग ले चुका है इसलिए उसे इस बात की पूरी जानकारी थी कि किसी चीज के टुकड़े कैसे किए जाते हैं। श्रद्धा के शव के टुकड़ों को फेंकने के बाद आफताब सामान्य तरीके से जीवन जी रहा था, ताकि किसी को शक न हो। आफताब रोजाना उसी कमरे में सोता था, जिसमें उसने श्रद्धा की हत्या की।


    हत्याकांड के बाद वह फूड डिलीवरी ऐप से खाना मंगाता था। आस-पड़ोस के लोगों से ज्यादा मेल-जोल नहीं करता था। उसने डेड बॉडी के टुकड़ों से दुर्गंध फैलने से रोकने के लिए फ्लैट में अगरबत्तियां जलानी शुरू कर दी थीं। इसके बाद आरोपी रोज पिट्ठू बैग में एक-दो अंगों को लेकर शहर और जंगल के अलग-अलग इलाकों में जाता और ठिकाने लगा देता।


    उसे लगा था कि कोई भी इस तरह उसे पकड़ नहीं पाएगा। आरोपी ने पुलिस को उन ठिकानों के बारे में भी बताया, जहां उसने श्रद्धा को मारने के बाद बॉडी पार्ट्स फेंके थे। पुलिस ने एक दो जगहों से कुछ हड्डियां बरामद की हैं। बाकी ठिकानों पर भी पुलिस पहुंचकर जांच कर रही है।

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    श्रद्धा के पिता 59 वर्षीय विकास मदान वाकर ने 8 नम्वबर को बेटी के अपहरण की एफआईआर दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वह परिवार सहित महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं। बेटी श्रद्धा जब आफताब के साथ मुंबई छोड़कर दिल्ली गई तो उन्हें कहीं से इसकी जानकारी मिल गई। उन्हें पता चला कि वे महरौली के छतरपुर इलाके में रहते हैं।


    किसी न किसी माध्यम से उन्हें बेटी की जानकारी मिलती रहती थी, लेकिन मई महीने के बाद से उसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था। उसके फोन नंबर पर भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी नहीं मिला।


    फिर अनहोनी की आशंका होने पर वह आठ नवंबर को सीधे छतरपुर स्थित फ्लैट में गए जहां बेटी किराये पर रहती थी। वहां पर ताला बंद होने के बाद उन्होंने महरौली थाने में पहुंचकर पुलिस को अपहरण की सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई जिसके बाद ये खुलासा हुआ कि आफताब ने उसकी जान ले ली है।

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