शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और मंडी जिला के जख्म फिर ताजे हो गए हैं। समेज खड्ड में बादल फटने से आई बाढ़ में 36 लोग लापता हो गए हैं इनमें से 8 स्कूली छात्राएं बताई जा रही हैं।
लापता लोगों के परिजन अभी भी उनको सही सलामत घर लौटने की आस लगाए बैठे हैं। समेज में लोग बेबस होकर एक तरफ अपने तबाह हुए घर और जमीन को देख रहे हैं तो दूसरी तरफ इसी आस में बैठे हैं कि उनके परिजन और गांव के अन्य लापता लोग सही सलामत मिल जाएं।
समेज में शुक्रवार सुबह से ही बचाव कार्य चल रहा है। बारिश के चलते बीच में काम रोकना पड़ा लेकिन कुछ देर बाद फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। डीएम रामपुर निशांत तोमर मौके पर हैं और बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आज रामपुर के समेज का दौरा करेंगे।
समेज में आपदा प्रभावितों को प्रशासन की और से राहत राशि जारी की गई है। जिला प्रशासन ने अभी तक 20 परिवारों को फौरी राहत राशि दी है। इसमें हर परिवार को 15000 रुपये दिए गए हैं।
शिमला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि "इसमें पीड़ित और प्रभावितों दोनों को फौरी राहत राशि जारी कर दी है। एक अगस्त देर शाम को ही राशि वितरित कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन तीव्र गति से चला हुआ है। आज मौसम साफ है, जो राहत और बचाव कार्य के नजरिये से अच्छा है। हमारा लक्ष्य हर लापता लोगों को ढूंढने का है। रेस्क्यू टीम में अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।"
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला प्रशासन, पुलिस सहित सभी विभाग एक जुट होकर बचाव कार्य में लगे हुए हैं। करीब 85 किलोमीटर तक के क्षेत्र में बचाव कार्य को किया जाना है। इस बचाव कार्य को लेकर प्रभावित क्षेत्र को छह हिस्सों में बांटा गया है।
36 लोगों के लापता होने की पुष्टि हो पाई है। इनमें से तीन लोग कुल्लू क्षेत्र से संबंध रखते हैं जबकि 33 शिमला क्षेत्र में रह रहे थे। कुछ हिस्से की निगरानी एसडीएम कुमारसैन कर रहे है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन दल को बचाव कार्य टीम में शामिल किया गया है।