शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर युवाओं के लिए एक जागरूकता अभियान को हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री ने जागरूकता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास युवाओं को जोड़ने में मदद करते हैं।
इस जागरूकता अभियान के तहत एक मैराथन का आयोजन किया गया, जो कोर्ट से शुरू होकर पीटरहॉफ तक गई। इस मैराथन में कई लड़कियों, लड़कों और छात्रों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य एड्स मुक्त हिमाचल बनाने के लिए जागरूकता फैलाना था।
कार्यक्रम का लक्ष्य शेष मामलों को खत्म करने के उपाय खोजना और सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देना था। बाद में एक और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिससे परिवारों और समुदायों को और अधिक जोड़ा जा सके।
पर्यटन और आपदा राहत के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गैर-बीजेपी शासित राज्यों को पर्याप्त फंड नहीं मिल रहे हैं, जिसका एक उदाहरण हिमाचल प्रदेश का पोस्ट-डिजास्टर नीड असेसमेंट है।
सुक्खू ने बताया कि राज्य ने पर्यटन के तहत तीन मामले केंद्र को भेजे और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह से भी चर्चा की। लेकिन राज्य को अभी तक कोई फंड नहीं मिला, जो उसका अधिकार है।
सुक्खू ने खुलासा किया कि हिमाचल प्रदेश ने पुनर्निर्माण परियोजनाओं के लिए ₹2.5 बिलियन की मांग की थी, लेकिन कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली। पिछले साल की आपदा में राज्य को ₹10,000 करोड़ का नुकसान हुआ था, लेकिन केंद्र ने ₹3,000-4,000 करोड़ तक भी नहीं दिए।
राज्य के कर्मचारियों के ₹9 बिलियन बकाया भी अभी तक अटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को उसके अधिकार का पैसा मिलना चाहिए और वे इस मामले को केंद्रीय मंत्रियों के साथ मजबूती से उठाएंगे।
सुक्खू ने बताया कि हाल ही में दिल्ली में सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर को मिली सुविधाओं की तरह हिमाचल प्रदेश के लिए भी मदद मांगी।
गोयल ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। सुक्खू ने कहा कि वे 20 दिसंबर को जैसलमेर में होने वाली वित्त मंत्रियों की बैठक और अगले महीने विधानसभा सत्र में राज्य की मांगों को मजबूती से रखेंगे।
11 दिसंबर को बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम सरकार का जश्न नहीं है, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के वादे को निभाने और दो वर्षों की उपलब्धियों को दर्शाने का अवसर है।
सुक्खू ने कई पहलुओं को उजागर किया, जैसे सामाजिक सुरक्षा उपाय, टेंडर में सुधार, आर्थिक आत्मनिर्भरता, और आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में किए गए प्रयास। इसमें मंत्री, विधायक, कांग्रेस नेता और एआईसीसी प्रभारी शुक्ला जी शामिल होंगे।
एचटीसी बस में राहुल गांधी के खिलाफ एक ऑडियो टेप बजाने के मामले में पूछे गए सवाल पर सुक्खू ने कहा कि उन्हें इस बात से अवशेष है कि इस ऑडियो को विवाद की क्यों बनाया जा रहा है और उन्होंने इसे महत्वहीन बताया। वहीं, आचार्य प्रमोद कृष्णन द्वारा हिमाचल प्रदेश की स्थिति को आपातकाल जैसी बताने पर मुख्यमंत्री ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देने से बचा।