राकेश चंदेल/बिलासपुर। सीएचटी सिद्धसूह सुरेश शर्मा 38 वर्ष 3 माह की लंबी, समर्पित एवं अनुकरणीय सेवा के उपरांत शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, खंड श्री नैनादेवी जी द्वारा सिद्धसूह पाठशाला में एक भव्य विदाई समारोह का भी आयोजन किया था।
मूल रूप से जिला बिलासपुर के ग्राम तरसूह निवासी सुरेश शर्मा ने वर्ष 1987 में शिक्षा विभाग में अपनी सेवा यात्रा आरंभ की थी। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में सेवाएं देते हुए अनगिनत विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुरेश शर्मा का शिक्षकीय जीवन केवल अवधि में ही नहीं, गुणों में भी समृद्ध रहा। उन्होंने विद्यार्थियों को न केवल पुस्तकीय ज्ञान दिया, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों, अनुशासन और सामाजिक दायित्वों का भी पाठ पढ़ाया। उनके समर्पण और अनुशासन ने उन्हें क्षेत्र में एक आदर्श शिक्षक के रूप में स्थापित किया।
शिक्षा खंड श्रीनैनादेवी जी के प्रधान राजेन्द्र चौधरी ने शर्मा के सेवाकाल को 'ऐतिहासिक' बताते हुए कहा कि ऐसे समर्पित शिक्षक यदा-कदा ही मिलते हैं। सुरेश शर्मा ने सेवा को अपना धर्म समझते हुए निष्ठापूर्वक कार्य किया।
शिक्षा खंड अधिकारी रोशन लाल ( श्री नैनादेवी जी), रणजीत ठाकुर (सदर), रिटायर्ड बीईईओ रणजीत सिंह और देवेंद्र चौहान (स्वारघाट) आदि ने सुरेश शर्मा जी को एक कर्मठ, विनम्र और समाज के प्रति प्रतिबद्ध शिक्षक बताया।