ऋषि महाजन/नूरपुर। नूरपुर व साथ लगते इलाकों में कैंसर के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब इन मरीजों को इलाज के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज, आईजीएमसी शिमला या अन्य बड़े अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
नूरपुर सिविल अस्पताल में अब कैंसर मरीजों के लिए कीमोथेरेपी जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधा शुरू कर दी गई है। इससे न केवल नूरपुर बल्कि ज्वाली, फतेहपुर, इंदौरा और भटियात विधानसभा क्षेत्रों के मरीजों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए नूरपुर सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. सतीश पॉल ने बताया कि अस्पताल में कीमोथेरेपी की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके लिए डॉ. सन्नी धीमान को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर इलाज मिल सके।
डॉ. सन्नी धीमान ने बताया कि अब मरीजों को कीमोथेरेपी जैसी जटिल प्रक्रिया के लिए टांडा, आईजीएमसी शिमला या अन्य मेडिकल कॉलेजों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से कैंसर मरीजों को समय, पैसा और मानसिक तनाव तीनों से राहत मिलेगी।
उन्होंने बताया कि मरीज और उनके परिजन स्वास्थ्य विभाग या स्थानीय अस्पताल से संपर्क कर अधिक जानकारी ले सकते हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा कैंसर उपचार के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं व सहायता विकल्पों की भी जानकारी दी जाएगी।
डॉ. सतीश पॉल ने कहा कि राज्य सरकार ने सिविल अस्पतालों में इस प्रकार की आधुनिक सुविधाएं शुरू कर आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। इससे खासतौर पर गरीब और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक पांच लोगों को इसकी सुविधा दी जा चुकी है।
स्थानीय लोगों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें न केवल इलाज में सुविधा मिलेगी बल्कि समय पर इलाज भी सुनिश्चित होगा, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए बेहद जरूरी है