हमीरपुर। जिला हमीरपुर के गांव अघार निवासी 11 वर्षीय दैविक खरयाल ने एक और पुस्तक लिखी है जिसका नाम है Ocean Is Not Just Blue।
यह किताब जादुई नाक के पैदा हुए एक युवा ज़ेबरा के समुद्री अभियान के बारे में है, जो पहाड़ों से शुरू होकर रेगिस्तान और समुद्र तट से होते हुए पानी के नीचे तक जाती है और अंत में समुद्री जीवन के गुप्त जीवन के सबक के साथ समाप्त होती है।
यात्रा के दौरान वह कई स्थलीय और जलीय मित्रों से मिला और उसे पता चला कि कैसे मानव लालच समुद्री जीवन को प्रभावित कर रहा है।
बता दें कि दैविक खरयाल ग्यारह साल के हैं जो एमआरए डीएवी पब्लिक स्कूल सोलन, हिमाचल प्रदेश भारत में कक्षा 7वीं में पढ़ते हैं। उन्हें रचनात्मक लेखन, कलाकृति और संगीत वाद्ययंत्र बजाना पसंद है।
दैविक SCIFI फिक्शन पुस्तक, "टीम डिवाइन डी" और इसके हिंदी संस्करण के लेखक हैं। "डिवाइन डी" का प्रथम भाग परमाणु खतरे की आहट सामान्य दिखने वाले दसवीं कक्षा के दो अफ्रीकन जनजातीय छात्रों, एक छात्रा तथा उनके कुत्ते पर आधारित है जो एक दिन अचानक दैवीय शक्तियां पा लेते हैं फिर उनका मिशन परमाणु ऊर्जा के दुरुपयोग को रोकना हो जाता है।
दैविक खरयाल के पिता नवीन कुमार खरयाल व मां बबीता जसवाल हैं। माता-पिता के लेखन कार्य क्षेत्र में रुचि होने के कारण उनका रुझान भी चित्रकला तथा लेखन के प्रति छोटी कक्षाओं से ही रहा है।
दैविक खरयाल का कहना है कि इन दिनों मैं अपनी पाठ्यपुस्तकों में वन्यजीवों और जलीय जीवन तथा वन्यजीवों और जलीय जीवों पर मानवीय हस्तक्षेप के नकारात्मक प्रभाव के बारे में पढ़ रहा हूँ और वृत्तचित्र देख रहा हूँ। यह मुझे समुद्री जीवन के बारे में लिखने के लिए प्रेरित करता है।
मैं अपनी पहली प्रकाशित पुस्तक "दि डिवाइन डी" के लिए प्राप्त जबरदस्त प्रतिक्रिया के लिए अपने कक्षा शिक्षकों, मित्रों और अभिभावकों का आभारी हूँ। समर्थन के लिए आप सभी का धन्यवाद। कृपया briibook.com वेबसाइट पर ऑर्डर करके इस पुस्तक को पढ़ें। आपको यह अवश्य पसंद आएगी।