शिमला। राजधानी शिमला में नगर निगम की कूड़े की गाड़ी हादसे में चालक की मौत मामले में बवाल हो गया है। अन्य चालकों ने नगर निगम की गाड़ियों की मेंटेनेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि गाड़ियों की ब्रेक सही से काम नहीं करती है। इसके कारण ऐसे हादसे हो जाते हैं। चालकों ने मृतक चालक के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा देने और परिवार में किसी को नौकरी देने को आवाज बुलंद की है। चालकों ने दो टूक कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो सोमवार से काम पर नहीं आएंगे।
बता दें कि राजधानी शिमला में शनिवार तड़के नगर निगम शिमला की कूड़े की गाड़ी हादसे का शिकार हो गई। इसमें चालक की मौके पर ही मौत हो गई। सैहब सोसायटी के तहत काम कर रहे चालक की हादसे में मृत्यु के बाद अन्य चालकों ने नगर निगम की गाड़ियों की मेंटेनेंस को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
नगर निगम के चालकों ने मांगों को लेकर नगर निगम सह आयुक्त से मुलाकात की। उसके बाद महापौर कार्यालय पहुंचे। चालकों का कहना है कि इस तरह का हादसा किसी के साथ भी हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाए कि इन गाड़ियों की मेंटेनेंस सही तरीके से नहीं हो पा रही है। ब्रेक सही काम नहीं करती है, जिसके बाद इस तरह के हादसे हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुआवजा राशि नाम मात्र 2 लाख दी जाती है, जोकि काफी कम है, इसे 25 लाख किया जाना चाहिए और मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए।
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चालकों ने मांग की है कि उनकी मांगों पर नगर निगम और सरकार गौर करें अगर ऐसा नहीं होता है तो सोमवार से यह लोग गाड़ियां खड़ी कर देंगे। उन्होंने कहा कि वे काम नगर निगम का करते हैं, लेकिन जब हादसे पेश आते हैं तो नगर निगम सैहब सोसाइटी की बात कहकर राहत देने से पल्ला झाड़ लेता है जो सही नहीं हैं।