ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के कंडवाल में टोल प्लाजा को लेकर विवाद हो गया है। स्थानीय लोगों से टोल वसूली को लेकर लोगों और ठेकेदार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। लोगों ने कहना है कि नई फर्म नियम की अनदेखी कर रही है।। वहीं, टोल प्लाजा के मालिक नियमों के अनुसार टोल वसूल रहे हैं।
अगर सरकार टोल प्लाजा हटाना चाहती है तो ठेका रद्द कर पैसा लौटाए। दूसरी तरफ मामला बढ़ता देख नूरपुर के विधायक रणवीर सिंह निक्का ने अधिकारियों के साथ बैठक की, लेकिन बैठक बेनतीजा रही।बैठक में एक्साइज विभाग के अधिकारी, टोल प्लाजा के ठेकेदार, स्थानीय ट्रांसपोर्टर और पंचायत प्रधान शामिल हुए।
बताया जा रहा है कि हिमाचल के प्रवेश द्वार कंडवाल में टोल प्लाजा का ठेका किसी बाहरी राज्य की फर्म को 16 करोड़ रुपये में दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी बाहरी को ठेका दिया गया है। यह बैरियर चक्की पुल की सीमा से 500 मीटर अंदर हिमाचल क्षेत्र में स्थित है। इसी क्षेत्र में विधायक रणवीर सिंह निक्का का आवास, कार्यालय और पारिवारिक होटल भी है। यहीं से स्थानीय लोग श्मशान घाट और चक्की दरिया से रेत-बजरी लाने के लिए क्रशर तक जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले इस तरह टोल नहीं वसूला जाता था। नियम के अनुसार, टोल प्लाजा से 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की पंजीकृत गाड़ियों को छूट मिलती है। आधार कार्ड से पहचान कर पास जारी किया जाता है, लेकिन नई फर्म इस नियम की अनदेखी कर रही है। पंचायत प्रधान के टिप्पर से भी टोल वसूला गया, जिससे लोगों में गुस्सा भड़क गया। उन्होंने कंडवाल चौकी में शिकायत दर्ज करवाई है। प्रशासन को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ के सह निदेशक राजेश पठानिया ने कहा कि अपने ही प्रदेश में स्थानीय लोगों से टोल वसूलना निंदनीय और गैरकानूनी है। फर्म स्थानीय लोगों के अधिकारों को कुचल रही है और धमका भी रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी टिप्पर या क्रशर के पास हिमाचल का बिल है और फिर भी टोल वसूला जा रहा है तो वे संघ से संपर्क करें, उन्हें न्याय दिलाया जाएगा।
विधायक रणवीर सिंह निक्का ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कानून के तहत ही कार्रवाई हो। अगर किसी क्रशर के पास हिमाचल का बिल है तो उससे टोल न वसूला जाए। ईटीओ रामकुमार ने बताया कि विधायक ने उन्हें बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन एक्साइज कमिश्नर के बाहर होने के कारण चर्चा नहीं हो सकी।
स्टेट टैक्स एंड एक्साइज रेवेन्यू नूरपुर के डिप्टी कमिश्नर प्रीतपाल सिंह ने कहा कि वे सरकारी कार्य से शिमला गए हैं, लौटने के बाद मामले को देखेंगे। टोल प्लाजा के मालिक कृष्ण गर्ग ने कहा कि वे पिछले 27 वर्ष से हिमाचल में व्यापार कर रहे हैं और नियमों के अनुसार टोल वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई वाहन 5 किलोमीटर के दायरे में है, उसका आधार और रजिस्ट्रेशन एक ही नाम पर है और वह स्थानीय पंचायत का है तो 400 रुपए का सालाना पास बना दिया जाता है, लेकिन 20 क्विंटल से अधिक माल लेकर आने वाली कमर्शियल गाड़ियों से टोल वसूली की जाएगी। अगर सरकार टोल प्लाजा हटाना चाहती है तो ठेका रद्द कर पैसा लौटाए, क्योंकि यह टोल वर्षों से इसी स्थान पर है।