ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल प्रदेश में 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट (मछली पकड़ने) पर दो महीने का प्रतिबंध लगाया गया है।
यह प्रतिबंध मत्स्य पालन विभाग द्वारा लगाया गया है और इसका उद्देश्य मछली प्रजनन के मौसम में मछली प्रजातियों की रक्षा करना है। इस दौरान, मछली पकड़ना, परिवहन करना और बेचना गैरकानूनी है।
मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक पौंग बांध एसके बभौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत पौंग झील में मत्स्य प्रजनन का सीजन होने के चलते 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है तथा मछली का अवैध शिकार रोकने के लिए विभागीय टीमों द्वारा दिन-रात झील में पहरा दिया जा रहा है।
एसके बभौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 जुलाई तक इस एक माह में 92 मामले अवैध शिकार के पकड़ कर 83 हजार 100 रुपए जुर्मना वसूला गया है।
मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक पौंग बांध एसके बभौरिया ने बताया कि इन दिनों मछली प्रजनन कार्य करती है जिस कारण झील में मछली के शिकार पर प्रतिबंध रहता है।
उन्होंने कहा कि पौंग बांध मे मछली की पैदावार को बढाने के लिए अब बरसात के दौरान लगभग 75 लाख मत्स्य बीज झील में डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि बन्द सीजन में पंजीकृत मछुआरों को भी झील किनारे जाने के लिए अनुमति लेनी होती है।
उन्होंने लोगों व मछुआरों से अपील की है कि जलाशय एक तो का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है तथा झील किनारे न जाएं। अगर जलाशय के पास पाए जाते है तो विभाग कार्यबाही करेगा।