शिमला। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सराज घाटी की एक बुजुर्ग महिला सेव दासी (72) की आईजीएमसी अस्पताल शिमला में मौत हो गई।
महिला की मौत के बाद उनके बेटे लीलाधर ने इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए। महिला की मौत के बाद अस्पताल में भारी हंगामा हुआ। इस दौरान एक महिला डॉक्टर और लीलाधर के बीच जबरदस्त बहस हुई।
हालांकि, आरोपों को लेकर आईजीएमसी चिकित्सा अधिकारी के तरफ से भी स्पष्टीकरण दिया गया है जिसमें उन्होंने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि महिला को ब्लड कैंसर था और हार्ट की समस्या थी और महिला की मौत का कारण हृदयघात बताया गया है।
महिला के पुत्र लीलाधर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि उसकी मां को समय पर उपचार नहीं मिला, जिससे उनकी मौत हो गई। वीडियो में व्यक्ति ने दावा किया कि वह इमरजेंसी वार्ड में एक-एक डॉक्टर से अपनी मां के इलाज के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन सभी ने उसे नजरअंदाज किया।
वीडियो में व्यक्ति भावुक स्वर में कहता है कि मैं, मेरी बहन, मेरा भाई और मेरी पत्नी हम सभी आईजीएमसी के इमरजेंसी वार्ड में एक-एक डॉक्टर के आगे गिड़गिड़ाते रहे। मेरी मां तड़प रही थीं, लेकिन कोई तुरंत इलाज देने को तैयार नहीं हुआ। जिन दो डॉक्टरों के जिम्मे मेरी मां का इलाज था, वो सामने से गुजरे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। हम लगभग एक घंटे तक अस्पताल के गलियारों में दौड़ते रहे, मगर किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
काफी देर बाद जब उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया, तब जाकर इलाज शुरू किया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसने बताया कि मेरी मां का दाखिला तो हो गया था, पर जब तक इलाज शुरू हुआ तब तक उनकी हालत और बिगड़ चुकी थी। व्यक्ति ने बताया कि बाद में एक डॉक्टर में मिले, जो बहुत अच्छे थे, लेकिन उन्हें भी समय पर इलाज का मौका नहीं दिया गया।
अस्पताल प्रशासन ने मामले को लेकर एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह 5.33 बजे सेव दासी (72) को आईजीएमसी के आपातकालीन विभाग में लाया गया था। उन्हें मेडिकल कॉलेज नेरचौक से यहां रेफर किया गया था। उनका लिवर और स्प्लीन में सोजिश थी तथा उन्हें ब्लड कैंसर था साथ में हार्ट की भी समस्या थी।
उन्हे नेरचौक मेडिकल कॉलेज में हृदय घात का शुरुआती उपचार देकर आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया था। आईजीएमसी पहुंचते ही उन्हें तुरंत चेक किया गया तथा आवश्यक जांच करके उन्हें उपयुक्त उपचार प्रारंभ किया गया लेकिन मरीज की हालत लगातार बिगड़ रही थी।
जांचों की रिपोर्ट के मुताबिक यह हृदयघात का मामला बना। इसके पश्चात मरीज को आगामी उपचार के लिए CCU में शिफ्ट किया गया जहां पर उपचार के दौरान सुबह 7:51 मिनट पर मरीज की मृत्यु हो गई।