शिमला। डिजिटल अपराधों और फॉरेंसिक में उभरती प्रवृत्तियों को लेकर शिमला विश्वविद्यालय (एचपीयू) में
फॉरेंसिक विभाग और क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी नॉर्थन रेंज धर्मशाला द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया। सम्मलेन का मकसद डिजिटल अपराधों और फॉरेंसिक साइंस के माध्यम से उनके बचाव की जानकारी सांझा करना है।
उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस
हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर एरिया जिनकी सीमाएं दूसरे देशों से लगती हैं, वहां पर सर्विलांस के रूप में इस्तेमाल हो सकती है। सम्मेलन से जो रिपोर्ट बनेगी उसे भारत सरकार से भी सांझा किया जा सकता है, ताकि भविष्य के लिए रोडमैप बनाया जा सके। सम्मेलन आज और कल दो दिन तक चलेगा, जिसमें कई डिजिटल और फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।