शिमला। हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति का मुद्दा गरमाया हुआ है। भाजपा भी कांग्रेस सरकार को घेर रही है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बड़ी बात कह दी है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हिमाचल में पिछले 50 साल में जो कभी नहीं हुआ वो हो रहा है। प्रदेश में रिसोर्स जनरेशन के प्रयास हो रहे हैं। कोई भी सरकार अलोकप्रिय फैसले नहीं लेना चाहती है, लेकिन ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं। क्योंकि ऐसा वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति आज ही ऐसी नहीं हुई है, बल्कि पिछली सरकारों के समय से ऐसी ही बनी हुई है।
हर सरकार निरंतर संघर्ष करते हुए इन हालातों को पार पाने का प्रयास करती है, लेकिन सुक्खू सरकार ने संसाधनों को जुटाने के लिए जो काम 50 साल में किसी ने नहीं किया वह काम सुक्खू सरकार कर रही है, जिसको लेकर आज चर्चा ज्यादा है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वित्त आयोग पर काफी निर्भर करता है। 2026 तक राज्य सरकार को वित्तीय हालातों की स्थिति का पहले से पता है। आज कुछ फैसलों को लेकर हिमाचल की आर्थिक स्थिति चर्चा में ज्यादा है, बाकी हालत कई वर्षो से ऐसे जैसे ही है।