शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण का मामला एक तरफ शांत होता नजर आ रहा है तो दूसरी तरफ इसमें राजनीति जोर पकड़ती जा रही है।
सरकार ने मुस्लिम पक्ष द्वारा संजौली की मस्जिद को लेकर नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन देकर की गई पहल का स्वागत किया है, वहीं अवैध निर्माण को लेकर पूर्व की भाजपा सरकार पर कई आरोप जड़े हैं।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मामले को लेकर सचिवालय में ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस की है।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने दावा किया है कि यह मस्जिद कोरोना काल में बनाई गई। उस समय भाजपा की सरकार थी और नगर निगम में भी भाजपा के मेयर थे।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 12 लाख मस्जिद बनाने के लिए दिए, इसके अलावा दो लाख प्लानिंग हेड से दिए गए हैं। मंत्री ने अवैध मस्जिद निर्माण के लिए सरकारी पैसे को लेकर जांच करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि संजौली में बीते दिन जो प्रदर्शन हुआ है, उसमें भाजपा नेता शामिल थे। कुछ शरारती तत्वों द्वारा पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 6 पुलिस जवान घायल हुए हैं और पुलिस को हल्का बल का प्रयोग करना पड़ा।
यह किसी धर्म से संबंधित मामला नहीं था, बल्कि अवैध निर्माण से संबंधित मामला था, जिसको लेकर कानून के तहत ही कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
कुछ लोगों ने इसमें राजनीति करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम समुदाय द्वारा पूरे देश में एक मिसाल पेश की गई और नगर निगम के आयुक्त को पत्र लिखकर अवैध निर्माण को सील करने का आग्रह किया है।
यही नहीं मुस्लिम पक्ष ने अवैध निर्माण को खुद तोड़ने की भी बात कही है, जोकि एक सराहनीय कदम है।
वहीं, संजौली मस्जिद विवाद को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश के आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना सरकार का काम है। संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने एमसी आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए स्वत पहल की है।
कहा है कि जब तक कोर्ट से निर्णय नहीं आता है, तब तक मस्जिद का अवैध हिस्सा सीज रखा जाए।
नगर निगम आयुक्त इसको लेकर अब निर्णय लेंगे। सरकार ने पहले ही इस मामले में कमेटी बनाकर रास्ता निकालने की बात कही है।