हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है। श्रावण मास को भोलेनाथ का पसंदीदा और साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि श्रावण मास में सोमवार के दिन का बहुत महत्व होता है। इस साल की खास बात ये है कि श्रावण मास की शुरुआत सोमवार के दिन हो रही है।
श्रावण मास की शुरुआत को लेकर बहुत से लोगों के मन से भ्रम है कि सावन की शुरुआत 21 जुलाई को हो रही है या 22 जुलाई को। बता दें कि इस साल श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई 2024 को हो रही है। 21 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा है। 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाएगा।
दरअसल, हिंदू कैलेंडर के मुताबिक श्रावण के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 47 मिनट पर होगी, वहीं इसका समापन 22 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर होगी।
यही कारण है कि लोगों के मन में श्रावण की तारीख को लेकर भ्रम बना हुआ है। ऐसे में ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 22 जुलाई को ही श्रावण मास की शुरुआत माना जाएगा। अगर पूजा मुहूर्त की बात की जाए तो 22 जुलाई के दिन प्रातःकाल से दोपहर 1 बजकर 11 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।
इस पावन मास में भक्त माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं। श्रावण मास में श्रद्धालु सोमवार के दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की शुद्ध मन से पूजा करते हैं।
अविवाहित बालिकाएं श्रावण के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखती हैं। कुछ महिलाएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए सोमवार व्रत करती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
सावन महीने के दौरान कांवड़ यात्रा भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें भक्त पवित्र गंगा के पास अलग अलग धार्मिक स्थानों पर भी जाते हैं और वहां से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इस महीने में किए गए दान और पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।