शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की भर्तियां सवालों के घेरे में आ गई है। हाई कोर्ट द्वारा दो प्रोफेसर की नियुक्ति को रद्द किया गया है।
इसी बीच छात्र संगठन एसएफआई ने पूर्व वीसी सिकंदर कुमार पर आरएसएस और भाजपा के लोगों को नियुक्ति देने के आरोप लगाए हैं जबकि यह शिक्षक अपनी योग्यता भी पूरी नहीं करते हैं।
एसएफआई ने लगभग 200 शिक्षकों की भर्ती को नियमों के विरुद्ध करार दिया है और न्यायिक जांच की मांग की है।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर एसएफआई एचपीयू अध्यक्ष दिनित देंटा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों और गैर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने के लिए सीटिंग न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग बनाने की मांग की है और तत्कालीन वीसी डॉ सिकंदर के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
दिनित देंटा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति है वे इन भर्तियों की जांच करवाएं।
एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई इन भर्तियों के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेगी और सड़क से लेकर विधान सभा घेराव कर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
एसएफआई ने कांग्रेस सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार विश्वविद्यालय में हुई भर्ती की जांच नहीं करवा रही है और तत्कालीन वीसी को संरक्षण दे रही है।
सरकार गंभीर नहीं है ऐसे में कांग्रेस सरकार के चहेतों को भी फायदा पहुंचाया गया है तभी डेढ़ साल में सरकार ने जांच नहीं करवाई जबकि सत्ता में आने से पहले जांच की बात कही गई थी।