पठानकोट। पंजाब के पठानकोट में दो करोड़ रुपए की फिरौती के लिए बच्चे को किडनैप करने के मामले में दो मुख्य आरोपियों को भी पुलिस ने गोवा से गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपियों में कांगड़ा के नूरपुर क्षेत्र का बीएसएफ से डिसमिस कांस्टेबल अमित राणा और हिमाचल निवासी ही उसका दोस्त रिषभ है। रिषभ जेसीबी ऑपरेटर है। मामले में चार लोगों की संलिप्तता सामने आई है।
इसमें मुख्य साजिशकर्ता पठानकोट निवासी अवतार सिंह, हिमाचल निवासी अमित राणा, रिषभ शामिल हैं। साथ ही एक शमशेर नामक व्यक्ति ने भी इसकी मदद की। अवतार सिंह और शमशेर पहले ही पुलिस की गिरफ्त में हैं।
30 अगस्त को हिमाचल प्रदेश की सीमा के साथ सटे पठानकोट शहर के सैली रोड में बच्चे की किडनैपिंग का मामला सामने आया था। बच्चे को अमित राणा और रिषभ ने किडनैप किया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने पहले रेकी की थी।
दोनों 27 अगस्त और 28 अगस्त को भी बच्चे को किडनैपिंग करने गए थे। पर किसी कारण कर नहीं सके। इसके बाद 30 अगस्त को इन्होंने बच्चे को किडनैप कर लिया। मामले की सूचना पठानकोट पुलिस को मिली तो आरोपियों को धरपकड़ के लिए उनका पीछा किया। साथ ही हिमाचल पुलिस को भी सूचित किया।
पुलिस की सक्रियता को देखकर दोनों आरोपी अमित राणा और रिषभ बच्चे को चक्की पुल के नीचे छोड़कर कर फरार हो गए। पठानकोट पुलिस ने हिमाचल पुलिस की मदद से बच्चे को बरामद कर लिया। पुलिस के अनुसार बच्चे को चक्की पुल के नीचे छोड़कर फरार हो गए थे।
वहां से दोनों धर्मशाला गए। अगले दिन चंडीगढ़ चले गए। दोनों दो रातें चंडीगढ़ में अलग-अलग जगह पर रहे। इसके बाद इन दोनों के दिल्ली होने की सूचना मिली। आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए थे। साथ ही नए मोबाइल और सिम का प्रबंध भी कर लिया था।
पुलिस ने आरोपियों के खातों के खंगाला। खातों की जांच में दिल्ली में अलग-अलग जगह खाने पीने और रहने के लिए ट्रांजेक्शन होनी सामने आईं। आरोपी दिल्ली में भी दो दिन तक रहे। इसके बाद आरोपियों के गोवा में होने की बात पता चली। पठानकोट पुलिस ने तुरंत पुलिस टीम को गोवा भेजा।
टीम ने गोवा पुलिस की मदद भी ली। आज सुबह करीब सात बजे दोनों आरोपियों अमित राणा और रिषभ को गोवा के पास से बस से गिरफ्तार कर लिया। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब लाया जा रहा है।
सैली रोड में बच्चे की किडनैपिंग की साजिश पठानकोट निवासी जेसीबी ऑपरेटर अवतार सिंह ने रची थी। अवतार सिंह की पत्नी भंडारी परिवार (जिनके बच्चे का किडनैप हुआ था) के एक शोरूम में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अवतार सिंह का भी शोरूम में जाना था और भंडारी परिवार से पहचान थी। अवतार सिंह को पता था कि भंडारी परिवार की महीने की इनकम कितनी है।
ऐसे में उसने जल्द अमीर होने के लिए बच्चे की किडनैपिंग की साजिश रची। इसमें हिमाचल निवासी जेसीबी ऑपरेटर रिषभ को साथ में लिया। अमित राणा रिषभ का दोस्त है। उसने उसे भी अपने साथ मिला लिया। अमित राणा और रिषभ ने बच्चे की किडनैपिंग की। शमशेर ने इनकी मदद की।
पठानकोट पुलिस के अनुसार उन्होंने इस किडनैपिंग के मामले को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया। उनकी प्लानिंग थी कि बच्चे को हिमाचल में कहीं पर रखा जाएगा। साथ ही फिरौती की मांग किसी और स्थान से की जाएगी। यानी बच्चे को कहीं और रखने व फिरौती किसी और जगह पर लेने की योजना थी।
इसके लिए अमित राणा और रिषभ को इसमें शामिल किया गया। आरोपियों ने गाड़ी चंडीगढ़ से Self Drive Car Share Service से हायर की थी। कार पर फर्जी तरीके से चंबा का पंजीकृत नंबर लगाया था।