देहरा: होशियार सिंह और भाजपा के कम हुए वोट-कांग्रेस की अच्छी वापसी
ewn24news choice of himachal 09 Dec,2022 1:53 pm
6.36 फीसदी घटा आजाद प्रत्याशी को वोट बैंक
देहरा। हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र में होशियार सिंह ने दूसरी बार आजाद प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा को 3877 मतों से हराया। भाजपा प्रत्याशी रमेश धवाला तीसरे नंबर पर रहे। होशियार सिंह को 22 हजार 99 मत मिले। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा ने 19120 मत प्राप्त किए। भाजपा प्रत्याशी रमेश धवाला को 16,730 मत ही मिल पाए हैं।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो इस बार आजाद प्रत्याशी होशियार सिंह के 6.36 फीसदी वोट कम हुए हैं। वहीं, कांग्रेस ने अच्छी वापसी देहरा में की है। कांग्रेस का वोट बैंक 2017 की तुलना में 2022 में 16.38 फीसदी बढ़ा है। जोकि आने वाले समय में कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। दूसरी तरफ भाजपा के लिए चिंतन का वक्त है। इस बार भाजपा के 9.54 फीसदी वोट कम हुए हैं।
वर्ष 2017 की बात करें तो आजाद प्रत्याशी होशियार सिंह ने भाजपा के रविंद्र सिंह रवि को 3914 मतों से हराया था। होशियार सिंह को 24206 और रविंद्र रवि को 20292 मत मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी विप्लव ठाकुर जमानत तक नहीं बचा पाई थीं। विप्लव ठाकुर को 8289 मिले थे।
हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 में होशियार सिंह को पड़े कुल मतों के 37.96 फीसदी मत मिले हैं। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा को 31.56 और भाजपा प्रत्याशी रमेश चंद ध्वाला को 27.62 फीसदी मत मिले हैं। 2017 में होशियार सिंह को कुल पड़े मतों के 44.32, भाजपा को 37.16 और कांग्रेस को 15.18 फीसदी मत मिले थे।
अगर कम वोट बैंक की बात करें तो 2022 के चुनाव में होशियार सिंह के खिलाफ हवा तो थी पर कांग्रेस और भाजपा को बाहरी प्रत्याशी देना महंगा पड़ गया। काफी हद तक धरतीपुत्र का नारा काम कर गया है। लोगों ने बाहरी को वोट देने के बजाए स्थानीय को वोट देना ठीक समझा। दूसरी तरफ होशियार सिंह का भाजपा की तरफ रुख होने का फायदा भी उन्हें मिला है। भाजपा का कुछ फीसदी वोट भी टूट कर आजाद प्रत्याशी की तरफ गया है। कांग्रेस का कुछ वोट बैंक वापस तो आया है पर बाहरी प्रत्याशी के चलते पूरा नहीं आ सका। 2017 में होशियार सिंह कांग्रेस के वोट बैंक से जीते थे। अगर इस बार भाजपा अपना वोट बैंक बचा पाती तो परिणाम शायद कुछ और होते।