तरनदीप सिंह/मंडी। पूर्व एचएएस अधिकारी बीआर कौंडल ने मंडी सहित पूरे हिमाचल में नशावृत्ति को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। एक तरफ तो उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों की इस धंधे में संलिप्तता की बात कही है। दूसरी तरफ समाज को भी बढ़ती नशावृत्ति के लिए दोषी ठहराया है।
बीआर कौंडल ने यह भी खुलासा किया है कि लड़कियां भी ड्रग लेने में पीछे नहीं है और इसके कारण वेश्यावृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में हिमाचल में नशावृत्ति के साथ वेश्यावृत्ति भी बढ़ रही है।
मंडी में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व एचएएस अधिकारी बीआर कौंडल ने कहा कि जागो समाज बर्बाद हो चुका है। वर्तमान में 60 से 65 फीसदी यूथ ड्रग की चपेट में है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में सोलन जिला में एक आईपीएस ऑफिसर ने भी खुलासा किया है कि सोलन जिला की यूनिवर्सिटी में 70 से 80 फीसदी युवा ड्रग की चपेट में हैं। उन्होंने कहा कि मंडी में भी स्थित खतरनाक हो चुकी है।
बीआर कौंडल ने प्रेसवार्ता में दावा कि 14 अगस्त की रात को ही ड्रग मंडी में तीन की जान गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस भी इनको कंफर्म करने को तैयार नहीं है। एक डेथ तो ऐसी हुई जो कि पुलिस को रिपोर्ट नहीं की गई।
एक राजमहल में काम करने वाले व्यक्ति की मौत हुई है। उस व्यक्ति के पास दस हजार रुपए थे। मौते के बाद उसके पास 5 हजार रुपए ही निकले। उन्होंने सवाल किया कि बाकी पांच हजार रुपए कहां गए। उन पांच हजार से व्यक्ति ने किसी तस्कर से ड्रग खरीदी।
बीआर कौंडल ने दावा कि हिमाचल में हर साल 300 से 400 यूथ ड्रग के चलते जान गंवा रहे हैं। हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड में आंकड़ा 58 है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में पुरानी मंडी में ड्रग के एक डेथ हुई। पुलिस अधिकारी ने उन्हें बताया कि ड्रग के मरने वाले के माता पिता ने पोस्टमार्टम न करवाने का बहुत दबाव डलवाया, ताकि उनकी बदनामी न हो।
बीआर कौंडल ने एक और बड़ा खुलासा करते हुए कुछ पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर और वकील दो ऐसे व्यक्ति होते हैं, जिनसे कोई कुछ नहीं छिपाता है। वह एक एडवोकेट भी हैं और जन समाधान केंद्र में फ्री सेवा देते हैं।
उनके सामने कई लोगों यहां तक की रिटायर और मौजूदा पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कुछ पुलिस अधिकारी इसमें शामिल हैं, जो तस्करों की मदद करते हैं। बीआर कौंडल ने कहा कि सरकार के पास सीआईडी, आईबी और अन्य माध्यम हैं, सरकार ऐसे लोगों की पहचान करें।
हालांकि पुलिस ने नशे के खात्मे के लिए अभियान चलाएं हैं, लेकिन भाषणों से कुछ होने वाला नहीं है। बेरोजगार युवा नशा तस्करों का शिकार बन रहे हैं। यहां तक की लड़कियां भी इसकी गिरफ्त में आ चुकी हैं। इससे देह व्यापार का धंधा बढ़ रहा है। क्योंकि नशे के लिए पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए लड़कियां देह व्यापार जैसे धंधे में धंस रही हैं।
बीआ कौंडल ने खुलासा किया कि शिक्षण संस्थानों के बाहर अधिकतर खोखों, चाय की दुकानों आदि में ड्रग मिलती है। इसके बारे में सीआईडी और पुलिस को भी पता है, लेकिन इसके बावजूद यह रुक नहीं रहा है और यही बात बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है।
कुछ विश्वविद्यालय में छात्रों के पास ड्रग पकड़े जाने के मामले भी आए हैं, लेकिन संस्थान की बदनामी न हो इसके लिए पुलिस को रिपोर्ट नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि हाल ही में वह बल्ह के एक स्कूल में गए। वहां के प्रिंसिपल ने बताया कि यहां बुरे ही हाल हैं। अगर ऐसे छात्रों के कुछ कहें तो वह मारने पड़ते हैं और उनके परिजन भी स्कूल प्रबंधन का साथ नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस और गंभीरता के साथ सोचना पड़ेगा। वहीं, समाज को भी इस बुराई के खात्मे के लिए सहयोग करना चाहिए। नहीं तो आने वाली पीढ़ियां बर्बाद हो जाएंगी।
इस अवसर पर सेवा भारती से राजकमल, सरदार निर्मल सिंह, सरिता हांडा आदि भी मौजूद थे।