शिमला। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में जश्न-ए-अदब संस्था की ओर से "कल्चरल कारवां-विरासत "का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ पद्म भूषण से सम्मानित शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित साजन मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में शास्त्रीय गायन, गजल गायन, कवि सम्मेलन, नाटक, मुशायरा, कव्वाली, शास्त्रीय नृत्य, सूफी और लोक गायन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ पद्म भूषण से सम्मानित शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित साजन मिश्रा के गायन से हुआ। इस अवसर पर पंडित साजन मिश्रा ने अपने संबोधन में बताया कि हमारी पहचान हमारी संस्कृति से ही होती है और इसे संजोने के लिए बेहतरीन प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में कला के क्षेत्र में बहुत बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज है, लेकिन संस्कृति और कला को संजोने के लिए साहित्य उत्सव - कारवां जैसे प्रयासों की जरूरत है।
जश्न-ए- अदब संस्था के संस्थापक कुंवर रंजीत चौहान ने बताया कि संस्था द्वारा संस्कृति और साहित्य को संजोने और युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहे हैं, जिसके चलते वे हर वर्ष विभिन्न राज्यों में साहित्य उत्सव का आयोजन करते हैं।
इसी कड़ी में इस वर्ष भी 13 राज्यों में इस उत्सव का आयोजन किया जा चुका है और अब शिमला में दो दिनों का कल्चरल कारवां आयोजित किया गया है।
उन्होंने बताया कि शिमला में वे पिछले तीन वर्षों से साहित्य उत्सव आयोजित कर रहे हैं और यहां लोगों में साहित्य और कला के प्रति जो प्रेम नजर आता है उससे संस्था को उत्साह मिलता है। उन्होंने बताया कि दो दिनों के साहित्य उत्सव में साहित्य व कला जगत से जुड़ी कई हस्तियां शामिल होगी और यहां अपनी प्रस्तुतियां भी देगी।