जूनियर ऑडिटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर पेपर लीक की भी है सूचना
शिमला। कहते हैं कि लावारिस पशुओं के फसलों को बचाने के लिए खेतों में बाड़ लगाई जाती है, पर बाड़ ही फसलों को खाने लगे तो बेचारा किसान क्या करे। ऐसा ही हिमाचल में होनहार अभ्यर्थियों जो अपनी पढ़ाई की बूते नौकरी पाना चाहते हैं के साथ हुआ है। जी हां, हम बात कर कर हैं पेपर लीक मामले की।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 पेपर लीक का मामला उजागर होने के बाद आशंका जताई है कि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के कर्मियों से मिलीभगत से यह कदाचार काफी समय से चल रहा है।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 व आगामी परीक्षाओं का मामला तो सामने आ गया पर पहले हुई चयन प्रक्रियाओं का क्या। ये चयन पक्रियाएं भी अब संदेह के घेरे में हैं। पेपर खरीद कर परीक्षा पास कर नौकरी पाने के कई मामले उजागर हो सकते हैं।
पेपर बेचने का यह धंधा बेशर्म और पैसे के लोभी लोगों के लिए चांदी है और होनहार अभ्यर्थियों के साथ बड़ा धोखा है। हैरानी की बात यह है कि हजारों वेतन ले रहे लोग ऐसा कर रहे हैं।
एक होनहार अभ्यर्थी दिन रात एक करके परीक्षा की तैयारी करता है और परीक्षा देता है। उसके बावजूद भी वह नौकरी हासिल नहीं कर पाता। उसके मन में यही सवाल रहता है कि इतनी मेहनत कर भी कुछ हासिल न हो सका। पर उस अभ्यर्थी को शायद यह नहीं मालूम होता है कि पेपर ही लीक हो चुका है।
अगर किसी परीक्षा में ऐसा मामला उजागर भी हो जाता है तो होनहार छात्रों के साथ हुए इस धोखे के लिए कैसे न्याय मिलेगा। सवाल यह भी है कि अगर आयोग में ऐसा लंबे समय से चल रहा था तो पूर्व की सरकारों ने उस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया। सरकार ने पिछली परीक्षाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। विजिलेंस के डीआईजी शिवकुमार टीम का नेतृत्व करेंगे। अब पुरानी परीक्षाओं के मामले में क्या सामने आते यह देखना बाकी है।
मामला सामने आने के बाद कहीं न कहीं युवाओं में भर्तियों पर से विश्वास उठता जाएगा। क्योंकि काफी हद तक ऐसा माना जाता था कि आयोग के माध्यम से होने वाली भर्तियों में धांधली की संभावना काफी कह है।
अब भर्तियों पर युवाओं का विश्वास कैसे कायम होगा, यह सुक्खू सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। हालांकि, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 पेपर बेचने का मामला सामने आने के बाद सुक्खू सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और आयोग के कामकाज को सस्पेंड कर दिया है।
साथ ही सचिव और उप सचिव को हटाकर एडीएम हमीरपुर को आयोग में ऑफिसर इन स्पेशल ड्यूटी तैनात किया है। वहीं, आगामी चयन प्रक्रियाओं पर आगामी आदेश तक रोक लगी दी है। पर पहले हुई चयन प्रक्रियाओं पर संदेह बरकरार है। अगर उन परीक्षाओं में भी ऐसा ही कदाचार हुआ है तो क्या वह उजागर हो पाएगा, यह बड़ा सवाल है।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 के बाद जूनियर ऑडिटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर के पदों के लिए ली जाने वाली परीक्षाओं के प्रश्न पत्र भी लीक होने की सूचना है।