हरिपुर। देहरा विधानसभा क्षेत्र की हरिपुर तहसील के तहत पड़ते राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर में जमीन की निशानदेही का मुद्दा गरमा गया है। शुक्रवार को दूसरी पार्टी की आपत्ति के बाद निशानदेही न होने के बाद शनिवार को स्कूल प्रबंधन और एसएमसी तहसीलदार हरिपुर के ऑफिस में पहुंच गए।
स्कूल प्रबंधन और एसएमसी कमेटी ने आरोप लगाया है कि दूसरी पार्टी बिना कारण निशानदेही को रोकने का प्रयास कर रही है। जमीन पर किसी भी प्रकार की फसल नहीं बीजी है। मात्र हल ही चलाया है। अगर बीजी भी है तो गेहूं निकली नहीं है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर की प्रिंसिपल शीला देवी ने कहा कि शुक्रवार को स्कूल की जमीन की निशानदेही नहीं हो सकी। राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे थे , लेकिन दूसरी पार्टी ने जमीन पर फसल बीजने का हवाला देकर निशानदेही पर आपत्ति जताई।
इसके चलते निशानदेही नहीं हो सकी। प्रिंसिपल का कहना है कि जमीन पर हल चलाया गया है, फसल नहीं बीजी है। यह सब कुछ निशानदेही को रोकने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि स्कूल में कमरों का अभाव है, जिससे छात्रों सहित शिक्षकों का समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए जल्द से जल्द निशानदेही हो, ताकि कमरों का निर्माण करवाया जा सके।
वहीं, एसएमसी प्रधान सपना ने मांग की है कि जल्द से जल्द जमीन की निशानदेही करवाई जाए। उन्होंने भी कहा कि जमीन में हल चलाया है।
अभी बारिश न होने से गेहूं नहीं बीजी गई है। एसएमसी की पूर्व प्रधान सुमन कुमारी का कहना है कि पहले भी निशानदेही के आदेश हो चुके हैं।
पर दूसरी पार्टी कोई न कोई बहाना बनाकर निशानदेही को रुकवा देती है। स्कूल में छात्रों के लिए कमरे नहीं हैं। मजबूरन उन्हें बाहर बैठना पड़ता है। ऐसे में जल्द से जल्द निशानदेही हो।
तहसीलदार हरिपुर सुरेश कुमार ने कहा कि शुक्रवार को निशानदेही रखी गई थी। पर दूसरी पार्टी ने आपत्ति जताई। कानूनगो को फिर से निशानदेही के आदेश दे दिए हैं।
बता दें कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर में कमरों के अभाव के चलते डीसी लैंड को शिक्षा विभाग के नाम किया था।
इसके बाद जमीन पर अवैध कब्जे की बात सामने आई। स्कूल प्रिंसिपल ने निशानदेही के लिए आवेदन किया। आवेदन के बाद प्रक्रिया शुरू हुई। पर अब तक निशानदेही नहीं हो सकी है।